डॉक्टर एक समाजसेवक – डॉक्टर पर कविता
डॉक्टर हमारी आशा के सितारे,
सेवा के ब्रह्मांड में आप ही हमारे।
चिकित्सा का दीपक, मरीजों का सहारा,
आप ही हो हमारे स्वस्थ्य की धारा।
डॉक्टर हमारी आशा के सितारे,
सेवा के ब्रह्मांड में आप ही हमारे।
चिकित्सा का दीपक, मरीजों का सहारा,
आप ही हो हमारे स्वस्थ्य की धारा।
आज दुनिया मना रही योग दिवस,
भारत की हो रही जय जयकार
मोदी जी के अथक प्रयासों से,
भारतीयता में रम रहा संसार
विश्वसुन्दर पदों का कवी था वो,
रामधारी सिंह दिनकर, नाम जो ध्यानों में बसा।
कविताओं के सागर से लिए वो जल,
उन्मुक्त और प्रगट कर गए वो मनोहारी काव्य-फल।
बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा,
आसमान से बरसती बूँदों की वर्षा।
प्रकृति की खुशबू घुलती हर जगह,
आकर्षक और मग्न कर देती ये मौसम की बरसात।
खुद को खोजता हूँ, खुद में खो जाता हूँ,
अपने अंदर की गहराइयों में रौशनी ढूंढता हूँ।
मस्तिष्क की उलझनों को सुलझाता हूँ,
अपनी रूह की आवाज़ को सुनता हूँ।
काले बादल आसमान में,
गहरी सियाही बिखरा रहे हैं।
वर्षा की आहट सुनाई दे रही,
पृथ्वी को सुखी धरा चिढ़ा रहे हैं।
योग फॉर वसुधैव कुटुम्बकम्,
जीवन का उत्थान,
यहाँ आपको जीने का सही रास्ता सिखाता है
मानवता का पाठ पढाता है।
भोलेनाथ नाम तुम्हारा,
महादेव, शिव अपारा।
त्रिनेत्र धारी गंगाधार,
मन मोहित, रूप अनूप तुम्हारा।
धुनों की मधुरता, ताल की मगनता,
संगीत जीवन का अमृत है बनता।
भावों का संगम, आत्मा का संगीत,
इसकी महिमा कोई कहने से पीछे नहीं रहता।
धूप की छांव में बदल जाता हैं मौसम,
गर्मी की आग में जलता ये तन मन।
तपते हैं धरती के अंग शीतलता के लिए,
पानी की तलाश में भटकते हैं लोग यहां।