Yoga Poem: योग मिटाता संजोग रोग सेआज दुनिया मना रही योग दिवस, भारत की हो रही जय जयकार मोदी जी के अथक प्रयासों से, भारतीयता में रम रहा संसार एलोपैथी, होम्योपैथी से, माना स्वास्थ्य में होता सुधार पर योग के अष्टांग नियमों से, मन: स्थिति का भी होता उपचार शास्त्रों में थी विद्या सदा से, पर ऋषि-मुनियों तक सीमित रहा विस्तार सहज बनाया स्वामी रामदेव ने, गांव गांव तक हुआ प्रचार स्वस्थ हो हम योग के प्रयोग से योग मिटाता संजोग रोग से भगवान शंकर और कृष्ण का, योगेश्वर भी है एक और नाम योग का महत्व समझाने जग को, स्वयं भी करते रहे हैं ध्यान पतंजलि, गोरख या ओशो ने, योग की दिखाई महत्ता महान वर्तमान है ऋणी रामदेव का, जिनने योग को ज्यादा किया आसान सहज सुलभ इनकी विद्याओं के उपयोग से योग मिटाता संजोग रोग से निर्विवाद है चमत्कार योग के, साधना है केवल श्वांस अनुलोम विलोम हो या कपालभाति, लाभ मिलता अनायास लगभग सभी करते हैं योग, जिन्हें जीवन में चाहिए प्रकाश ना भी यदि कर पाते हैं, उन्हें भी रहता आत्मविश्वास आवश्यक होगा तब कर लेंगे, असमय नहीं बनेंगे कॉल के ग्रास इस आत्मविश्वास के मिलने से भी मन को मिलती उर्जा खास योग होगा उपयोगी, बचायें अपने को विलासी भोग से योग मिटाता संजोग रोग सेYoga Poem: योग मिटाता संजोग रोग से
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