सिंहासन खाली करो कि जनता आती है

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है – दिनकर

सदियों की ठंढी, बुझी राख सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
महाराणा प्रताप कविता

महाराणा प्रताप कविता – बस नाम ही काफी है

ना कोई संज्ञा, ना सर्वनाम, ना विशेषण का ही कोई काम बस आन, बान और शान बोल दें, या पुकारें राजस्थान कई, कई राजाओं, सम्राटों से ज्यादा, जिसके घोड़े का भी हो सम्मान
बाल विवाह

बाल विवाह कविता – हिंदी कविता

बाल विवाह का मतलब साफ जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप कानून के तो यह है ही खिलाफ प्रकृति विरुद्ध भी है यह पाप पढ़ने, खेलने की उम्र में शादी, जीवन भर का देती संताप हमारी इस एक गलती का,
सावरकर पर अटल जी की कविता

सावरकर पर अटल जी की कविता – जो बरसों तक सड़े जेल में

जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें। जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें। याद करें काला पानी को, अंग्रेजों की मनमानी को, कोल्हू में जुट तेल पेरते,
हिरोशिमा की पीड़ा

हिरोशिमा की पीड़ा – अटल बिहारी वाजपेयी

किसी रात को मेरी नींद अचानक उचट जाती है आँख खुल जाती है मैं सोचने लगता हूँ कि जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का आविष्कार किया था वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण