
Jo beet gayi so baat gayi kavita – Harivansh rai bachchan
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले

Retirement Poem in Hindi: नया अध्याय शुरु हो रहा है
सूरज ढल रहा है,
शांत समय छा रहा है,
अब विदा होने का
समय आ रहा है।
संगीत की धुन पर,
आपकी हंसी लहरा रही है,
यादें आपकी जिंदगी के
साथ बहा रही है।

Harivansh rai bachchan ki rachnaye – Patriotic kavitayen in hindi
सुमति स्वदेश छोड़कर चली गई,
ब्रिटेन-कूटनीति से छलि गई,
अमीत, मीत; मीत, शत्रु-सा लगा,
अखंड देश खंड-खंड हो गया।

चश्मा पर कविता – धूप, धूल या हो बरसात, हर पल आँखों पर पहरा है
चश्मा आंखों की नई रोशनी,
करता है नजरों की सहायता।
धूप-छाँव के खेल में साथी,
धुन्दलेपन से दिलाता स्वतंत्रता।

Gyan Par Kavita: ज्ञान की अग्नि में जलकर
ज्ञान की अग्नि में जलकर जगमगाते हैं हम,
जीवन को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाते हैं हम।
ज्ञान की सीढ़ी चढ़कर हम उच्चाईयों को छू सकते हैं,

भिक्षुक – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”| bhikshuk kavita
भिक्षुक
वह आता--
दो टूक कलेजे को करता, पछताता
पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी भर दाने को — भूख मिटाने को

किसानों पर दर्द भरी कविता| मैथिलीशरण गुप्त की कविता – किसान
हेमन्त में बहुधा घनों से पूर्ण रहता व्योम है
पावस निशाओं में तथा हँसता शरद का सोम हैहो जाये अच्छी भी फसल, पर लाभ कृषकों को कहाँ
खाते, खवाई, बीज ऋण से हैं रंगे रक्खे जहाँ

Hindi Kavita: परिश्रम पर आलस्य भारी
कामचोरी का संसार देख,
आँखे भी हैरान है,
परिश्रम की बात से भागते,
क्यों लोग विकास से अंजान है।

Hindi Poems on Life – Best Hindi Poems
पहले पाठ में सीखेंगे हम,
जीवन की अनमोल विद्याएं।
संघर्ष का वह मार्ग चुनेंगे,
जो आए सफलता में काम।
दूसरे पाठ में सीखेंगे हम,
कठिनाइयों को आसान करना।

पत्थर पर कविता: मैं अमर हूँ, तुम समझ जाओगे
पत्थर हूँ मैं, कठोर हूँ मैं,
अपनी मजबूती में छिपा हूँ मैं।
मेरी कठिनाईयों को तुम समझ न पाओगे,
हर संघर्ष में बचपन से खड़ा हूँ मैं।