Patriotic Poem in Hindi | स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में

Patriotic Poem in Hindi | स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में

Patriotic Poem in Hindi-
अन्यों की स्वतंत्रता को खतरा हो
ऐसा कहीं कोई द्वंद ना हो
संविधान देता कानून का शासन
पर कानून में कोई रंध्र ना हो
अधिकार मिले हैं जरूरत से ज्यादा
पर कर्तव्यों की कम सुगंध ना हो
स्वतंत्रता दिवस पर हो संकल्प हमारा
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो

नशाखोरी की बढ़ती लत से
पूरा देश है परेशान
युवाओं का फैशन बन गया
गुटखा ड्रग्स और धूम्रपान
महिलाएं भी पीछे नहीं है
क्योंकि सहज सुलभ है यह सामान
बीमारियां तो बढ़ती ही है नशे से
अपराध भी हो रहे बेलगाम
एक व्यक्ति के नशा करने से
कइयों की स्वतंत्रता का होता नुकसान
चोरी नकवजनी तो बढ़ेगी ही
जब पैसे का अन्य कोई प्रबंध ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो

हम तहसील जाएं, थाने जाएं या जाएं अस्पताल
इनकी स्वच्छंद स्वतंत्रता से
आम जनता है बेहाल
या अन्य किसी भी दफ्तर जाएं
सभी के एक जैसे हाल
कर्मचारी काम करते नहीं
अधिकारियों से होते नहीं सवाल
बेरोजगारों की परीक्षाओं पर भी
माफियाओं का माया जाल
सेना ही एकमात्र संस्था
जिसने प्रतिष्ठा रखी संभाल
भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए
शासन प्रशासन में अनैतिक कोई अनुबंध ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो

व्यवसाय जो चाहे करें
स्वतंत्र हैं हर दुकानदार
पर मिलावट खोरी का
मिलता नहीं कहीं अधिकार
पार्किंग में पार्क कम होते वाहन
सिग्नल टूटते कई कई बार
जल उपलब्धता जरा भी है तो
फेलाते रहते हम बेशुमार
निरीह प्राणियों को पिंजरे में रखना
उनकी स्वतंत्रता पर है प्रहार
श्रद्धा भक्ति आस्था के नाम पर
धर्म में अंधविश्वास की है भरमार
सभ्य समाज में हम रहते हैं
समाज से पृथक हमारे मापदंड ना हों
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो

एक बुरा आदमी कम करें समाज से
स्वयं का कर कर कायाकल्प
समाज हित में हो हर कदम हमारा
नियम पालन का हम लें संकल्प
गलत हम कुछ करें नहीं
दूसरे को भी गलत का ना दें विकल्प
देश की दशा सुधर सकती है
यदि सभी करें यह प्रयास अति अल्प
विश्वास जगाएं अपने अंदर
सपनों में कोई पाखंड ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो

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