Patriotic Poem in Hindi | स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में
भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए
शासन प्रशासन में अनैतिक कोई अनुबंध ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो
भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए
शासन प्रशासन में अनैतिक कोई अनुबंध ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो
मां की तस्वीर नहीं रखता
कमरे में मैं
वह बसती है यादों में मेरे
आंखों से बहती सांझ सबेरे
त्योहारों का देश हमारा
होली हमारा बड़ा त्यौहार
बजट बिगड़ जाता त्योहारों में
पर बिना बजट का यह त्यौहार
CAA का मतलब है,
Citizenship Amendment Act.
हजारो शरणार्थी है भारत में,
दशकों से था जिनको वेट Ι
फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी,
महाशिवरात्री का महात्योहार
सृष्टि का आरम्भ अग्नि लिंग से,
जो महादेव का असीम आकार
राम अयोध्या वापस आए
दुनिया फिर दिवाली मनाएं
गांव गली हर घर मोहल्ला
राम हनुमान के ध्वज फहराये
मंदिर मंदिर उल्लास भया
हिंदू संस्कृति, हिंदू जागृति,
हिंदु उत्थान और हिंदुस्तान
आरएसएस पर्याय हिंदुत्व का,
भारतीयता को दिलाता पहचान
लोकतंत्र का महापर्व,
दुनिया जिस पर करती गर्व
जनता चाहती सुखद बदलाव
आखिर संपन्न हुए चुनाव…
5 साल का जनादेश,
जीवन भर फिर ऐश ही ऐश
नेता ओढ़ें संतों का वेष,
यद्यपि संत भी अब कहां शेष
अब तो निकालिए सुरंग से मुझको,
मुझे अपने घर जाना है
किया था जो वादा परिवार से,
वह वादा निभाना है
निभाना है फर्ज बेटे का,
कर्ज पिता का मुझे चुकाना है
भारत की है जिससे पहचान,
सारी दुनिया में जिनका मान
समाधि जिनकी तीर्थ समान,
हर नेता के प्रथम भगवान
गांधी नाम का जप कर कर,
श्री गणेश होता चुनाव अभियान