Famous Poems About Mothers

मां की तस्वीर नहीं रखता

माँ की तस्वीर नहीं रखता
कमरे में मैं-

वह बसती है यादों में मेरे
आंखों से बहती सांझ सबेरे

25 साल गुजर गए उसके बिन
पर नहीं, कल का ही तो था वह दिन

जब सांसों से हुआ था संघर्ष उसका
ना डॉक्टर में दिखा रूप ईश्वर का
ना ईश्वर में डॉक्टर का

सिर्फ सूरत याद है भाइयों की
मानो दुनिया उजड़ गई थी, हम सब की

टूट गई जब मां की श्वास
टूट गया हम सब का विश्वास

घोर नाराजगी दिखाई भाई ने भगवान से
शायद अति आस्तिकता का ही था यह अविश्वास

रूंध जाता है गला, बात मां की करने में
भावुकता है या मूर्खता, नहीं जानता मैं
हर पल आखिर, रो भी तो नहीं सकता मैं

इसीलिए मां की तस्वीर
नहीं रखता कमरे मे मैं

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