Holi Poem – ट्रंप खिलवा रहे दुनिया को होली

Holi Poem

Holi Poem-
होली हमारा राष्ट्रीय त्योहार
हंसी मजाक की बहती बयार
पर जब से आए डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका हो गया मानसिक बीमार
रोज रंग बदलते फैसलों से
खुद की ही हो रही हंसी ठिठोली
ट्रम्फ खिलवा रहे दुनिया को होली

सदियों से है कहावतों का प्रचलन
मूर्ख दोस्त से बेहतर समझदार दुश्मन
फ्रांस, ब्रिटेन से भारत विरोध तक
ले रहे फैसला वे आनन फानन
रसिया जो था दुश्मन अब तक
वह मित्र बन गया नंबर वन
असमंजस में है जेलैन्सकी
खा ना ले वह जहर की गोली
ट्रंप खिलवा रहे दुनिया को होली

होली है त्यौहार प्यार का
भेदभाव से रहित संसार का
सभी खेलते मस्ती भरे मन से
सवाल न जीत का न हार का
भांग धतूरा के नशे में
विवेक न होता सोच विचार का
पर बिना नशे के भी सन्की ट्रंप की,
लड़खड़ाई सी लगती बोली
ट्रंप खिलवा रहे दुनिया को होली

भारत को शायद पूर्व से ही था अनुमान
तटस्थ रखा सदा ही अपना स्थान
टेरिफ घटे या बड़े अमेरिका से
हमारा ज्यादा नहीं होगा नुकसान
परिवर्तन हो रहा है विश्व राजनीति में
फायदा निश्चित उठायेगा हिंदुस्तान
सबक लें हम आगे से
मूर्खों को ना बनाएं अपना हमजोली
ट्रंप खिलवा रहे दुनिया को होली

अच्छा ही अच्छा होगा आगे
नहीं जरा भी शंका कुशंकाएं
पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हमारी
मुश्किल है कोई आंख दिखाए
रसिया के माध्यम से संभव है
चीन भी हमारे करीब आए
उद्योगों को हम विकसित करें
दुनिया में हमारे ही हो,
मोबाइल, कंप्यूटर और दवा, गोली
ट्रंप खिलवा रहे दुनिया को होली

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