हम कौन थे क्या हो गये हैं और क्या होंगे अभी | मैथिलीशरण गुप्त

हम कौन थे क्या हो गये हैं और क्या होंगे अभी | मैथिलीशरण गुप्त

म कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी
आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी
भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां
फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां

भ्रम – सुभद्रा कुमारी चौहान | Subhadra Kumari Chauhan

भ्रम – सुभद्रा कुमारी चौहान | Subhadra Kumari Chauhan

देवता थे वे, हुए दर्शन, अलौकिक रूप था
देवता थे, मधुर सम्मोहन स्वरूप अनूप था
देवता थे, देखते ही बन गई थी भक्त मैं
हो गई उस रूपलीला पर अटल आसक्त मैं

मगर यामिनी बीच में ढल रही है – हरिवंशराय बच्चन

मगर यामिनी बीच में ढल रही है – हरिवंशराय बच्चन

न तुम सो रही हो, न मैं सो रहा हूँ,
मगर यामिनी बीच में ढल रही है।
दिखाई पड़े पूर्व में जो सितारे,
वही आ गए ठीक ऊपर हमारे,
क्षितिज पश्चिमी है बुलाता उन्हें अब,
न रोके रुकेंगे हमारे-तुम्हारे

अब जागो जीवन के प्रभात | जयशंकर प्रसाद

अब जागो जीवन के प्रभात | जयशंकर प्रसाद

वसुधा पर ओस बने बिखरे
हिमकन आँसू जो क्षोभ भरे
उषा बटोरती अरुण गात !
अब जागो जीवन के प्रभात !

तुम तूफान समझ पाओगे? | हरिवंशराय बच्चन

तुम तूफान समझ पाओगे? | हरिवंशराय बच्चन

गीले बादल, पीले रजकण,
सूखे पत्ते, रूखे तृण घन
लेकर चलता करता ‘हरहर’–इसका गान समझ पाओगे?
तुम तूफान समझ पाओगे?

राम का कार्य हुआ पूर्ण – अब इसके आगे क्या | Hindi Kavita
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राम का कार्य हुआ पूर्ण – अब इसके आगे क्या | Hindi Kavita

राम अयोध्या वापस आए
दुनिया फिर दिवाली मनाएं
गांव गली हर घर मोहल्ला
राम हनुमान के ध्वज फहराये
मंदिर मंदिर उल्लास भया

आरएसएस का संदेश विशेष – एक धर्म, एक ध्वज, एक देश
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आरएसएस का संदेश विशेष – एक धर्म, एक ध्वज, एक देश

हिंदू संस्कृति, हिंदू जागृति,
हिंदु उत्थान और हिंदुस्तान
आरएसएस पर्याय हिंदुत्व का,
भारतीयता को दिलाता पहचान
संख्या के आधार पर देखें तो,
सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान

राम पर कविताएं – Bhagwan Shri Ram Poem in Hindi

राम पर कविताएं – Bhagwan Shri Ram Poem in Hindi

तब राम मिले थे काकभुशुंडि जी की वाणी मे।
अब भी राम मिलेगे राम का नाम सुनने से।।
तब राम मिले थे तुलसीदास जी को चौपाईयो मे…