संगीत पर कविता: जो चर्चा को बंद करवाता हैं
धुनों की मधुरता, ताल की मगनता,
संगीत जीवन का अमृत है बनता।
भावों का संगम, आत्मा का संगीत,
इसकी महिमा कोई कहने से पीछे नहीं रहता।
धुनों की मधुरता, ताल की मगनता,
संगीत जीवन का अमृत है बनता।
भावों का संगम, आत्मा का संगीत,
इसकी महिमा कोई कहने से पीछे नहीं रहता।
धूप की छांव में बदल जाता हैं मौसम,
गर्मी की आग में जलता ये तन मन।
तपते हैं धरती के अंग शीतलता के लिए,
पानी की तलाश में भटकते हैं लोग यहां।
जगमगाती रात की गहराइयों में,
जब अंधकार सब को घेर रहा हो,
आत्मविश्वास की दीप्ति जगमगाए,
खुद को स्वीकार करो और सफर करो।
वक्त जगाता है एक कवि को,
अनकही कहानियों को सुनाता है।
बीता हुआ कल लेकर आता है,
आने वाले कल की आशा जगाता है।
पापा की छाँव, प्यार और सम्मान,
जैसे निश्छल पत्थर की मुकुटधार।
जब मुसीबतें आईं, तब आप थे साथ,
बच्चों की भांति साथी रहे हर पल।
आईना, जो मुझको मेरी रूप-रेखा बताता है,
सच्चाई की रोशनी लेकर मेरा चेहरा छिपाता है।
यह दर्पण, मेरी अंतर्दृष्टि को प्रकट करता है,
मेरे भावों की प्रतिबिंबिति कर, सच्चाई बतलाता है।
बचपन, वो अनमोल दौलत है,
खेल-खिलौने की वो मिठास है।
माँ के आँचल में छुपा जादू है,
खुशियों का पुलिंदा, वो अद्भुत दिन है।
दोस्ती का रंग चढ़ा आसमानों में,
मिल जाती है यहाँ हर दिल की मन्नतों में।
सच्ची दोस्ती की किरण चमकती है,
जीवन के सफर में अच्छाई बढ़ती है।
भारत में लागू होना चाहिए समान नागरिक सहिंता,
विभाजितता के मायाजाल से मुक्त हो जाए हमारा देश।
हम सबका रवैया हो समान, न कोई भेदभाव का खेल,
Sushant Singh Rajput Poem सुशांत सिंह राजपूत, वो अद्वितीय थे यारों, उनकी आंखों में चमक, उनके अंदाज में कुछ बात