Poem on Bachpan in Hindi: छोटी-छोटी चोंटें, मासूम मुस्कान

Poem on Bachpan in Hindi: छोटी-छोटी चोंटें, मासूम मुस्कान

बचपन, वो अनमोल दौलत है,
खेल-खिलौने की वो मिठास है।
माँ के आँचल में छुपा जादू है,
खुशियों का पुलिंदा, वो अद्भुत दिन है।

Dosti Par Kavita: दोस्तों के संग सफर आसान हो जाता है।

Dosti Par Kavita: दोस्तों के संग सफर आसान हो जाता है।

दोस्ती का रंग चढ़ा आसमानों में,
मिल जाती है यहाँ हर दिल की मन्नतों में।
सच्ची दोस्ती की किरण चमकती है,
जीवन के सफर में अच्छाई बढ़ती है।

समान नागरिक सहिंता पर कविता | Uniform Civil Code in Hindi

समान नागरिक सहिंता पर कविता | Uniform Civil Code in Hindi

भारत में लागू होना चाहिए समान नागरिक सहिंता,
विभाजितता के मायाजाल से मुक्त हो जाए हमारा देश।
हम सबका रवैया हो समान, न कोई भेदभाव का खेल,

Sushant Singh Rajput Poem: आज भी धड़कता है उनका नाम

Sushant Singh Rajput Poem: आज भी धड़कता है उनका नाम

Sushant Singh Rajput Poem सुशांत सिंह राजपूत, वो अद्वितीय थे यारों, उनकी आंखों में चमक, उनके अंदाज में कुछ बात थी। उनकी प्रेरणा से जीते थे हम सपने बड़े, दिखाते थे कि संघर्ष से मिलते है सम्मान बड़े। एक अभिनय कला का निर्माता वो थे, उम्र के छोटे-बड़े थे वो सच्चे मायने में यारों। छलांगें…

Hindi Kavita on Life: जीवन एक कविता है

Hindi Kavita on Life: जीवन एक कविता है

जीवन एक कविता है, सुंदर और अद्वितीय,
स्वर्ग और नरक का खेल है, अनंत और अनन्ती।
यह एक सफर है, मजबूती और कमज़ोरी का,
आशा की रौशनी और विपत्तियों का मंज़र है।

Poem in Hindi | मैं एक देशभक्त हूँ…

Poem in Hindi | मैं एक देशभक्त हूँ…

वतन की मिट्टी में जन्मा हूँ,
वतन के लिए जीना चाहता हूँ।
मेरा दिल है तिरंगे की भूमि,
वतन के लिए हर कठिनाई सहता हूँ।

घड़ी पर कविता – Ghadi Poem in Hindi

घड़ी पर कविता – Ghadi Poem in Hindi

देखो हमारी ये घड़ी, क्या कहानी कह रही है,
अपनी परिधि में समय की धारा बह रही है।
ये रंगीन परिंदों की तरह दौड़ती है,
मिनटों की पंख उड़ाती है,बीता वक्त दिखाती है।

टीवी पर कविता – टेलीविजन कविता

टीवी पर कविता – टेलीविजन कविता

टीवी की दुनिया, रंगीन और चमकीली,
घरों का सबसे प्यारा मनोहारी खिलौना।
चाहे सपनों का सफ़र हो या समाचार की बौछार,
टीवी जो बदलती है हमारे जीवन की कहानी का सार

अखबार पर कविता – समाचार का ये ज़रा सा कागज़

अखबार पर कविता – समाचार का ये ज़रा सा कागज़

समाचार का खज़ाना है यह अख़बार,
जो जग के रंग-मंच की कहानी सुनाए।
हर सुबह उठकर जब ये हाथों में आए,
दिल में उमंगों की बौछार चमक जाए।