शिव पर कविता: नित्य नौकर तेरा रहूँगा

शिव पर कविता

शिव पर कविता

भोलेनाथ नाम तुम्हारा,
महादेव, शिव अपारा।
त्रिनेत्र धारी गंगाधार,
मन मोहित, रूप अनूप तुम्हारा।
हर हर महादेव, त्रिपुरारी,
काशीवासी, कैलाश निवासी।
भूतनाथ, भगवान शंकर,
त्रिगुणात्मक, महामायावी।
अर्धनारीश्वर, अभयदाता,
भक्तों का प्रिय सच्चा संगी।
देवाधिदेव, भूषण धारी,
विश्वधारी, सृजनहारी।
नीलकंठ, नंदीवर्धन,
विश्वनाथ, विश्ववन्दित।
शंभु शंकर, गणनायक,
मृगेश, भूताधिप, अमित।
जटाधारी, जगदंबिका पति,
महायोगी, महाकाल शांत।
त्रिशूलधारी, नीलकण्ठ धारी,
वैरागी तपस्वी, अजरामर।
अविनाशी, अनंत स्वरूप,
भक्तों के पालक, दयासागर।
कर्मात्मक, धर्मशिल, निर्मल,
महामृत्युंजय, जगदीश्वर।
ओंकार रूपी, पार्वतीपति,
त्रिनेत्र धारी, अनन्त विभूति।
शिवजी का नाम सुन कर,
ह्रदय भर उठती हैं शक्ति।
जय हो महादेव, त्रिपुरारी,
तेरी महिमा अमर बाणी।
नित्य नौकर तेरा रहूँगा,
चरणों में बसी हैं जीवनी।
शिव पर कविता

2 thoughts on “शिव पर कविता: नित्य नौकर तेरा रहूँगा”

  1. Pingback: Tulsidas ki Kavita- एक अकेले तुलसीदास| Tulsidas Poem in Hindi

  2. Pingback: गणेश जी पर कविता | हे देवों के देव गणेश

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top