Pita Par Kavita: पिता के बिना नहीं हो सकता कोई जीवन

Pita Par Kavita

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पापा की छाँव, प्यार और सम्मान,
जैसे निश्छल पत्थर की मुकुटधार।
जब मुसीबतें आईं, तब आप थे साथ,
बच्चों की भांति साथी रहे हर पल।
जब मैं था बच्चा, आपने संभाला,
अपनी गोदी में था सुलाया।
जगत की भीड़ में आपने साथ दिया,
अभिमान और साहस सिखाया।
आपकी हर हंसी और हर आंसू,
मेरी जिंदगी के हैं एक रंगीन तारे।
आपकी ममता, प्यार और गोदी,
हर गम को हल्का कर देते सारे।
मेरे पापा मेरी पहचान हैं,
जिनकी जीती जिंदगी और जान हैं।
उनकी मुस्कान, मेरी खुशियों की वजह,
मेरे पापा मेरा अनमोल उपहार हैं।
आपके साथ बिताया हर सुखद वक्त,
आप से हर दिन जिंदगी आबाद है।
आपका स्नेह, ममता और सम्मान,
देता है मुझे गर्व से भर।
पिता के नाम एक गीत सुनाता हूँ,
प्यार और आदर से इसे गाता हूँ।
आप हो मेरी सच्ची मंजिल, मेरी उम्मीद,
आपकी ही दुआओं से मैं हूँ ख़ुशहाल।
पापा, आपको मेरा सलाम हैं,
आपकी सेवा में हैं ये रूह हरदम।
आपके संग हर दिन हो मस्ती और खुशी,
पापा के बिना नहीं हो सकता कोई जीवन।
Pita Par Kavita

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