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मेरा नाम सिपाही है – मनोज मुंतशिर की देशभक्ति कविताएं
सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी सांस
मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी मां के पास
बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं
धमाधम ढोल बजे
तो ऐसा ही करना
भारत देश पर कविता | ये देश बनता है – सविता पाटिल
ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से
पहाड़ो से या मैदानों से
पठारों या रेगिस्तानों से
ये देश बनता है….
यहाँ बसते इंसानों से।
Harivansh rai bachchan ki rachnaye – Patriotic kavitayen in hindi
सुमति स्वदेश छोड़कर चली गई,
ब्रिटेन-कूटनीति से छलि गई,
अमीत, मीत; मीत, शत्रु-सा लगा,
अखंड देश खंड-खंड हो गया।
दिनकर की देशभक्ति कविता – चूहे की दिल्ली यात्रा
चूहे ने यह कहा कि चूहिया! छाता और घड़ी दो,
लाया था जो बड़े सेठ के घर से, वह पगड़ी दो।
मटर-मूँग जो कुछ घर में है, वही सभी मिल खाना,
खबरदार, तुम लोग कभी बिल से बाहर मत आना!
Poem in Hindi | मैं एक देशभक्त हूँ…
वतन की मिट्टी में जन्मा हूँ,
वतन के लिए जीना चाहता हूँ।
मेरा दिल है तिरंगे की भूमि,
वतन के लिए हर कठिनाई सहता हूँ।
Patriotic Poem in Hindi | स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में
भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए
शासन प्रशासन में अनैतिक कोई अनुबंध ना हो
स्वतंत्र तो हो गए हम 47 में,
पर स्वतंत्र का मतलब स्वच्छंद ना हो