Patriotic Poem in Hindiवतन की मिट्टी में जन्मा हूँ, वतन के लिए जीना चाहता हूँ। मेरा दिल है तिरंगे की भूमि, वतन के लिए हर कठिनाई सहता हूँ।हर बात पे जान लुटाता हूँ, वीरता की परंपरा यहाँ बिठाता हूँ। करता हूँ बलिदान अपने देश के लिए, स्वतंत्रता की आग में जलता हूँ।शौर्य और साहस की प्रतिमा हूँ, गर्व से नाम लेने का हकदार हूँ। अगर प्यार है तो देश से है, मैं अपने वतन के प्यार का प्रतिमान हूँ।धरती के वीर सपूतों की तोली हूँ, सरहदों पर तन और मन लुटाता हूँ। स्वतंत्रता के गीत में हरमोनियम बजता हूँ, वतन के सपनों को सच कराता हूँ।जब तक है जान, मैं देश के लिए हूँ, जब तक है श्वास, स्वतंत्रता के लिए जीना चाहता हूँ। हर भारतीय का आदर्श हूँ, मैं गर्व से कहता हूँ, मैं एक देशभक्त हूँ।Patriotic Poem in Hindiदेश बनता है – कविता
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