नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi

नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi

नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi

त्योहारों का देश हमारा,
एक दो दिवस के होते हर त्यौहार
पर नवरात्रि चलती नौ दिनों तक,
वर्ष में मनाते हम दो-दो बार

सुप्त नवरात्रि भी जोड़े तो,
नौ-नौ दिन के यह त्यौहार चार
रुके कार्य प्रारंभ होते, पावनता,
दिव्यता की बहती बयार

शक्ति संचय और पुण्य अर्जन का,
खुल जाता असीम भंडार
रहस्य, रोमांच और चमत्कारों का,
भक्ति की शक्ति से होता संचार

अद्भुत आभासित होता है परिवेश,
विकसित होती भक्ति भावनाएं
नवरात्रि महापर्व की आप सभी को
बहुत-बहुत शुभकामनाएं

80% हम खेती पर निर्भर,
दुनिया में सबसे बड़े हम कृषि प्रधान
आश्विन और चैत्र दोनों ही नवरात्रि पर,
फसल पाता हमारा किसान

नई ऋतु का संगम होता,
हाथ में रहता धन-धान
डांडिया और गरबा के आयोजनों से,
प्रफुल्लित रहता हिंदुस्तान
उत्साह के अतिरेक से रोकने,
यह पवित्र दिन अंकुश समान

व्रत, उपवास और नैतिक मर्यादाओं से,
संयमित होती हमारी वासनाए
नवरात्रि महापर्व की आप सभी को
बहुत-बहुत शुभकामनाएं

नौ ही दिन अलग रूपों में पूजन का,
शास्त्र सम्मत है विधान
शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक,
नो ही रूपों के पृथक नाम

पहले तीन दिन दुर्गा को समर्पित,
जो शक्ति और ऊर्जा का है प्रतिमान
अगले तीन दिन लक्ष्मी पूजन के,
जो सुख, शांति, समृद्धि की है पहचान

सातवां दिन सरस्वती पूजन का,
जिससे बड़े बुद्धि, विवेक और ज्ञान, विज्ञान
आठवां दिन फिर समर्पित दुर्गा को,
तो महानवमी को सामूहिक होता आव्हान
फिर नौ कन्याओं का प्रतीकात्मक पूजन,
हम करते हैं दुर्गा मान

नवरात्रि की नौ देवियों में ही, समाहित सृष्टि,
सारे देवी देव इनने ही उप जाए
नवरात्रि महापर्व की आप सभी को
बहुत-बहुत शुभकामनाएं

रावण विजय के चंडी यज्ञ में,
राम नेत्र समर्पण को थे तैयार
प्रकट होकर तब चंडी ने,
विजय नौका कराई पार

देव वरदान से अजेय महिषासुर का,
महिषासुर मर्दिनी बन किया संघार
शुंभ, निशुंभ और रक्तबीज जैसे असुरों पर,
मां दुर्गा ने ही किया प्रहार

आज भी इन दिनों में घटित घटनाओं से,
मां दिखाती चमत्कार
शुभ ही शुभ होता है सब कुछ,
मुहूरतों की नहीं रहती दरकार

कोशिश करें इस नवरात्र में,
सात्विकता, सद्गुणों का हम में हो संचार
इस शुभता, शुचिता और परम दिव्यता का,
नौ से नब्बे दिनों तक हम करें विस्तार

फिर आदत बने हर दिन शुभ करने की,
असंभव नहीं फिर जीवन उद्धार
दुर्गा का मतलब ही है दुख हारिणी,
आस्था विश्वास के जोड़े तार

नौ दिन बहुत होते हैं परिवर्तन लाने को,
बुराइयों को अच्छाइयों से भाग लगाएं
नवरात्रि महापर्व की आप सभी को
बहुत-बहुत शुभकामनाएं

ये भी देखें: इतने राम कहाँ से लाए

1 thought on “नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi”

  1. Pingback: पितृ पक्ष: मैं मानता हूँ पितृ पक्ष पवित्र है | हिंदी कविता

Comments are closed.

Scroll to Top