Hindi Kavita: आज की दुनिया – हर तरफ भागदौड़
हर तरफ भागदौड़, हर तरफ अन्याय,
बचा हुई है सिर्फ़ कुछ मोमबत्ती रौशनी के लिए।
आज की दुनिया जैसी है, खो गई मानवता,
दिलों में उम्मीद की किरण जगाने की जरूरत है।
हर तरफ भागदौड़, हर तरफ अन्याय,
बचा हुई है सिर्फ़ कुछ मोमबत्ती रौशनी के लिए।
आज की दुनिया जैसी है, खो गई मानवता,
दिलों में उम्मीद की किरण जगाने की जरूरत है।
गुरु एक ज्योति है,
जो मन को रौशनी देती है,
ज्ञान की किरणें बिखेर,
अंधकार को दूर भगाती है।
क्या अजीब है ये घटना
सारे इकट्ठे हैं पटना,
एक नाम बस सूझा है
मोदी मोदी ही रटना
क्या…..
चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है।
एक जल में
एक थल में,
एक नीलाकाश में।
एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती,
एक मेरे बन रहे विश्वास में।
एक सूरज उगता है, नयी उम्मीद के संग,
हर ओर छा जाता है खुशियों रंग।
आज आ पड़ा वो दिन, वो खुशनुमा वक्त,
जो उत्साह के साथ कर देता है आँखे नम।
धन्यवाद करते हैं आपको,
आपके विनय, आपकी सेवा के लिए।
आपने हमें उज्ज्वलता दी,
हमारे जीवन में खुशियों की बारिश की।
डॉक्टर हमारी आशा के सितारे,
सेवा के ब्रह्मांड में आप ही हमारे।
चिकित्सा का दीपक, मरीजों का सहारा,
आप ही हो हमारे स्वस्थ्य की धारा।
आज दुनिया मना रही योग दिवस,
भारत की हो रही जय जयकार
मोदी जी के अथक प्रयासों से,
भारतीयता में रम रहा संसार
विश्वसुन्दर पदों का कवी था वो,
रामधारी सिंह दिनकर, नाम जो ध्यानों में बसा।
कविताओं के सागर से लिए वो जल,
उन्मुक्त और प्रगट कर गए वो मनोहारी काव्य-फल।
बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा,
आसमान से बरसती बूँदों की वर्षा।
प्रकृति की खुशबू घुलती हर जगह,
आकर्षक और मग्न कर देती ये मौसम की बरसात।