Hindi Kavita: आज की दुनिया – हर तरफ भागदौड़

Hindi Kavita: आज की दुनिया – हर तरफ भागदौड़

हर तरफ भागदौड़, हर तरफ अन्याय,
बचा हुई है सिर्फ़ कुछ मोमबत्ती रौशनी के लिए।
आज की दुनिया जैसी है, खो गई मानवता,
दिलों में उम्मीद की किरण जगाने की जरूरत है।

गुरु पर कविता – ज्ञान का सागर हैं वे | Guru Par Kavita

गुरु पर कविता – ज्ञान का सागर हैं वे | Guru Par Kavita

गुरु एक ज्योति है,
जो मन को रौशनी देती है,
ज्ञान की किरणें बिखेर,
अंधकार को दूर भगाती है।

विपक्ष की एकता पर कविता: सारे इकट्ठे हैं पटना
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विपक्ष की एकता पर कविता: सारे इकट्ठे हैं पटना

क्या अजीब है ये घटना
सारे इकट्ठे हैं पटना,
एक नाम बस सूझा है
मोदी मोदी ही रटना
क्या…..

चाँदनी की पाँच परतें हर परत अज्ञात है – Sarveshwar Dayal Saxena

चाँदनी की पाँच परतें हर परत अज्ञात है – Sarveshwar Dayal Saxena

चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है।
एक जल में
एक थल में,
एक नीलाकाश में।
एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती,
एक मेरे बन रहे विश्वास में।

Poem on Kargil Vijay Diwas in Hindi- उत्साह साथ आँखे नम
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Poem on Kargil Vijay Diwas in Hindi- उत्साह साथ आँखे नम

एक सूरज उगता है, नयी उम्मीद के संग,
हर ओर छा जाता है खुशियों रंग।
आज आ पड़ा वो दिन, वो खुशनुमा वक्त,
जो उत्साह के साथ कर देता है आँखे नम।

आभार कविता हिन्दी: धन्यवाद करते हैं आपको

आभार कविता हिन्दी: धन्यवाद करते हैं आपको

धन्यवाद करते हैं आपको,
आपके विनय, आपकी सेवा के लिए।
आपने हमें उज्ज्वलता दी,
हमारे जीवन में खुशियों की बारिश की।

डॉक्टर एक समाजसेवक – डॉक्टर पर कविता

डॉक्टर एक समाजसेवक – डॉक्टर पर कविता

डॉक्टर हमारी आशा के सितारे,
सेवा के ब्रह्मांड में आप ही हमारे।
चिकित्सा का दीपक, मरीजों का सहारा,
आप ही हो हमारे स्वस्थ्य की धारा।

Yoga Poem: योग मिटाता संजोग रोग से
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Yoga Poem: योग मिटाता संजोग रोग से

आज दुनिया मना रही योग दिवस,
भारत की हो रही जय जयकार
मोदी जी के अथक प्रयासों से,
भारतीयता में रम रहा संसार

रामधारी सिंह दिनकर पर कविता: विश्वसुन्दर पदों का कवि

रामधारी सिंह दिनकर पर कविता: विश्वसुन्दर पदों का कवि

विश्वसुन्दर पदों का कवी था वो,
रामधारी सिंह दिनकर, नाम जो ध्यानों में बसा।
कविताओं के सागर से लिए वो जल,
उन्मुक्त और प्रगट कर गए वो मनोहारी काव्य-फल।

मानसून पर कविता: बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा

मानसून पर कविता: बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा

बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा,
आसमान से बरसती बूँदों की वर्षा।
प्रकृति की खुशबू घुलती हर जगह,
आकर्षक और मग्न कर देती ये मौसम की बरसात।