महिला सशक्तिकरण पर कविता
महिला, सशक्तिकरण की ओर आगे बढ़ रही है,
हर एक क्षेत्र में वो सम्मान पा रही है।
जीवन के संघर्षों का नया मुकाम है वो,
हर क्षण नये सपनों सजो रही है।
शिक्षा की ऊँचाइयों को छूती है वो,
अभिनय की दुनिया में महकती है वो।
व्यापार में सफलता के सपने देखती है वो,
नवीनतम तकनीक के साथ निखरती है वो।
विज्ञान में वो महान अविष्कार करती है,
राजनीति में अपनी आवाज़ बुलंद करती है।
खेल-कूद में विजय के पीछे दौड़ती है वो,
साहस से नई पहचान बनाती है वो।
अधिकारों की लड़ाई में उठ खड़ी है वो,
पारदर्शिता के अंधकार को दूर करती है वो।
घर-बार में बनी मजबूत पहचान है वो,
सामाजिक सुधार में सदैव सशक्त है वो।
महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रही है राह,
जगमगाते सपनों से सजी हर महिला आज।
शक्ति और सम्मान से है उनका परिचय,
सशक्तिकरण की सच्ची परिभाषा है वहीं।