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Poem on Swami Vivekananda in Hindi – विवेकानंद पर कलम चलाएं
त्रेता में राम, द्वापर में कृष्ण,
कलयुग में कबीर और विवेकानंद
महापुरुष जन्म लेते हैं सदियों में,
सदियों तक रहती उनकी सुगंध
19वीं सदी ऋणी स्वामी जी की,
जिनने अध्यात्म का मिटाया अंतर्द्वंद
नरेन्द्र मोदी पर कविता – मोदी जी के लिए अभिनंदन पत्र
साधु महात्माओं सी जीवन शैली,
हिमालय तपस्या का दिखता असर
कुछ घंटे ही आप सोते हैं,
खाना-पीना सिर्फ जरूरत भर
क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की – कविता
क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की – कविता दुख सभी को होता है, किसी की निर्मम हत्या होने पर दुख होता है, पवित्र धारणाओं के मिथ्या होने पर दुख होता है, चोरी, डकैती, आतंकी घटनाओं पर पर दुख ज्यादा होता है, पाशविक, क्रूर जघन्यताओं पर दोषी को सजा भी मिलती है, पर…
चुनाव कविता – आखिर संपन्न हुए चुनाव | व्यंग्य
लोकतंत्र का महापर्व,
दुनिया जिस पर करती गर्व
जनता चाहती सुखद बदलाव
आखिर संपन्न हुए चुनाव…
5 साल का जनादेश,
जीवन भर फिर ऐश ही ऐश
नेता ओढ़ें संतों का वेष,
यद्यपि संत भी अब कहां शेष
Poem on CAA | Caa Kya Hai? | नागरिकता संशोधन कानून
CAA का मतलब है,
Citizenship Amendment Act.
हजारो शरणार्थी है भारत में,
दशकों से था जिनको वेट Ι
राम मंदिर पर कविता – आखिर अयोध्या हुई राम की
राम इस देश के है,
ये देश राम का है
राममय है जीवन हमारा,
यह सामाजिक परिवेश राम का है
दिन की शुरुआत राम-राम से,
जीवन का अंत राम-नाम से
जो कुछ भी हम बन पाये अब तक,
यह अनुग्रह सर्वेश राम का है