बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप कानून के तो यह है ही खिलाफ, प्रकृति विरुद्ध भी है यह पाप पढ़ने, खेलने की उम्र में शादी, जीवन भर का देती संताप हमारी इस एक गलती का, पीढ़ियां भुगतती अभिशाप इस पाप के भागी होंगे, निश्चित ही लड़की के मां और बाप बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
बचपन में बच्ची की, की सगाई, सयानी हुई तब समझ आई करना चाही पढ़ाई, लिखाई, पर पति निकला हरजाई बच्ची की फिर तो शामत आई, लाखों रुपयों की मांगी भरपाई दे ना पाता गरीब बाप, जमकर होती फिर लड़ाई खेत खलिहान जलते परिवार के, ग्राम वासियों तक पहुंचती आंच बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी मे शादी फुर्सत में पश्चाताप
दो परिवारों का यह झगड़ा, मिटा देता कई परिवार दो खेमों में बट जाते, ग्राम वासी और रिश्तेदार पूर्वाग्रह से फेसला सुनाते, समाज के अनपढ़ ठेकेदार लाठी फरसे तलवारें चलती, पीढ़ियों तक रहती तकरार प्रकरण पहुंचता कोर्ट कचहरी, पुलिस की पडती दोहरी मार साहूकार खर्च उठाता, खेत लिखाकर, ब्याज लेता, अनाप-शनाप बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
18 से कम उम्र की बच्ची को, बच्ची ही मानता है विज्ञान शारीरिक और मानसिक रूप से, 18 के बाद ही वह होती जवान कम उम्र में प्रेगनेंसी से, दुर्बल होती उसकी संतान कैसे करें पालन बच्चे का, जब खुद का ही नहीं होता भान शिक्षा भी अधूरी रहती, भले बुरे का ना हो पाता ज्ञान वैचारिक परिपक्वता की कमी से, ससुराल में पाती घोर अपमान अंत होता संबंधों का, फूटी किस्मत का करते प्रलाप बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
हमारी ही न्योती हुई हैं, सारी यह समस्याएं हमारी एक गलती, जीवन भर का कष्ट बढ़ाएं संकल्प लें केवल एक, कम उम्र में ना बेटी ब्याहें शासन नहीं है दुश्मन हमारा, सोच समझकर सब नियम बनाएं सीता, पार्वती से इन्दिरा गाँधी तक ने, वयस्क होकर ही विवाह रचाये मुगलों से बेटियां बचाने, बीच में आई थी समस्याएं पर अब ना मुगल हैं, ना अंग्रेज, आ नहीं सकती इज्जत पर आंच कुप्रथाओं के दुष्चक्र में फंस कर, जानबूझकर करें नहीं पाप बाल विवाह का मतलब साफ, जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
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