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भारतीयता को मिले विस्तार, कोरोना की होगी निश्चित हार – कविता
कोरोना की होगी निश्चित हार शुभ ही शुभ घटता प्रकृति में, शुभ प्रकृति का, स्थायी व्यवहार। शुभ के लिए ही जन्मते धर्म, शुभ के लिए ही होते अवतार। सनातन धर्म है शुभ सदा से, विज्ञान को हमने माना आधार। शुभ संस्कृति में रहा समाहित, जिससे शुद्ध रहे आचार विचार। शुभ, शुद्ध और संयम का संतुलन,…
Raksha Bandhan Par Kavita: उत्सव, पर्वों का देश हमारा
उत्सव, पर्वों का देश हमारा, हर सप्ताह मनाते हम त्यौहार
पर जब आता है त्यौहार राखी का, भावनाओं का चढ़ता ज्वार
चन्द्रयान-3 पर कविता – चीन, अमेरिका भी थे परेशान पर पहुंचा आखिर हिंदुस्तान
बधाई वैज्ञानिकों को, बधाई इसरो को,
बहुत-बहुत बधाई अध्यक्ष सोमनाथ
बधाई पूर्व अध्यक्ष के. सिवन को,
सफलता में उनका भी बड़ा हाथ
सारी टीम हकदार बधाई की,
गुड़ी पड़वा ही हो नववर्ष हमारा | गुड़ी पड़वा व हिंदू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रकृति में इसी समय,
नवीनता का होता सृजन
नव कपोलें उगती,
पुराने पत्तों का होता क्षरण..
नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi
त्योहारों का देश हमारा,
एक दो दिवस के होते हर त्यौहार
पर नवरात्रि चलती नौ दिनों तक,
वर्ष में मनाते हम दो-दो बार
Yoga Poem: योग मिटाता संजोग रोग से
आज दुनिया मना रही योग दिवस,
भारत की हो रही जय जयकार
मोदी जी के अथक प्रयासों से,
भारतीयता में रम रहा संसार