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राम मंदिर पर कविता – आखिर अयोध्या हुई राम की
राम इस देश के है,
ये देश राम का है
राममय है जीवन हमारा,
यह सामाजिक परिवेश राम का है
दिन की शुरुआत राम-राम से,
जीवन का अंत राम-नाम से
जो कुछ भी हम बन पाये अब तक,
यह अनुग्रह सर्वेश राम का है
चुनाव कविता – आखिर संपन्न हुए चुनाव | व्यंग्य
लोकतंत्र का महापर्व,
दुनिया जिस पर करती गर्व
जनता चाहती सुखद बदलाव
आखिर संपन्न हुए चुनाव…
5 साल का जनादेश,
जीवन भर फिर ऐश ही ऐश
नेता ओढ़ें संतों का वेष,
यद्यपि संत भी अब कहां शेष
मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता | Shree Ram Par Kavita
कंकर-कंकर, शंकर जहां पर,
कण-कण में है भगवान,
है राम से राम-राम तक,
श्वाश-श्वाश में बसते राम
नरेन्द्र मोदी पर कविता – मोदी जी के लिए अभिनंदन पत्र
साधु महात्माओं सी जीवन शैली,
हिमालय तपस्या का दिखता असर
कुछ घंटे ही आप सोते हैं,
खाना-पीना सिर्फ जरूरत भर
वृक्षारोपण: एक पेड़ लगाए मां के नाम | Hindi Kavita
प्रधानमंत्री जी का है आव्हान
वृक्षारोपण का चल रहा अभियान
शासन प्रशासन के प्रयास तमाम
अनेक समस्याओं का समाधान
सरस्वती वंदना कविता – हंस वाहिनी वाणी दायिनी
सोच हमारी बिगड़ गई माते, बिगड़े बोल जुबां पर आए
केकई, द्रौपदी की जिव्हा पर आ मां तूने, बड़े-बड़े कई युद्ध कराए
पर अब उतर तू कृष्ण सी जिव्हा पर, एक और ज्ञान गीता जग चाहे
वेदव्यास सी बुद्धि दे माता, विवेकानंद सा ज्ञान रे