स्वच्छ भारत अभियान पर कविता
परमाणु शक्ति है देश हमारा,
दुनिया में हम प्रथम लोकतंत्र कहलायें
आबादी में हम दूसरा नंबर,
बहुतायत में हैं खनिज संपदाऐं
खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है,
हजारों चल रही विकास योजनाएं
पर हम जब जाते ओलंपिक खेलने,
तो स्थान अपना 67 वाँ पाएं
गंदगी है कोढ देश का,
यही हमारी सेहत को खाए
सुधर सकता है स्वास्थ्य हमारा,
बढ़ सकता है हमारा मान
आओ सफल बनाएं स्वच्छ भारत अभियान
पहला सुख निरोगी काया,
बुजुर्गों ने यह पाठ पढ़ाया
जानता है बच्चा, बच्चा,
पर आज तक नहीं अमल में लाया
आज एक भी डॉक्टर गरीब नहीं है,
हमने उसे संपन्न बनाया
बीमारी पैदा की गंदगी से गांव में,
मक्खियों से उन्हें घर-घर फेलाया
गंदी नाली, गंदी सड़कें,
कैसे घर में आए माया
अब मिला है सुनहरा अवसर,
अब बनाएं आदर्श ग्राम
आओ सफल बनाएं स्वच्छ भारत अभियान
कचरा निकालें घर के बाहर,
डस्टबिन रखे हर एक द्वार
सूखा और गीला कचरा अलग रखना,
आदत में हमारी हो शुमार
मोहल्ले की दुकानों पर भी रखाएं डस्टबिन,
अन्यथा खरीदी का हो बहिष्कार
शहर की स्वच्छता को जोड़ें प्रतिष्ठा से,
तभी नागरिक आप जिम्मेदार
आपकी प्रतिष्ठा और सभ्यता का प्रतीक है स्वच्छता,
इसी से आपकी पगड़ी का मान
आओ सफल बनाएं स्वच्छ भारत अभियान
शुद्ध हवा मिलती गांव में, शुद्ध दूध, दही है,
शुद्ध घी है, शुद्ध फसल उगाता किसान
शुद्ध आचरण, शुद्ध विचार,
हर ग्राम वासी की पहचान
फिर क्यों अशुद्धि को गले लगाकर,
खो रहे हम अपना सम्मान
सरकार है साथ आपके,
आप भी नहीं इससे अनजान
बच्चे, बुजुर्गों और महिलाओं की,
दिनचर्या आप करें आसान
चहुमुखी उन्नति चाहिए तो,
स्वच्छ बनाएं अपना ग्राम
यही चाहते प्रधानमंत्री हमारे,
यही चाहते देश के नौजवान
आओ सफल बनाएं स्वच्छ भारत अभियान
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