प्लास्टिक प्रदूषण पर कविता
अपने आदमी से इंसान होने के प्रमाण में,
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लाने संज्ञान में,
हम संकल्पित हो मन, वचन और कर्म से,
सरकार के पॉलिथीन मुक्ती अभियान में
पॉलीथिन है दुश्मन प्रकृति का,
ना आप इससे बेखबर, ना ही इससे अनजान मैं
कोई भी प्लास्टिक सुरक्षित नहीं है,
वह कम में हो या अधिक माइक्रोन में
आतंकवाद से बड़ा ये दुश्मन समाज का,
हम समझे औरों को समझाएं
आओ प्लास्टिक मुक्त समाज बनाएं
केमिकल है कैंसर के कारक,
अच्छे से जानते आप और हम
फिर भी पैदा कर लेते हैं हम प्लास्टिक,
8 करोड़ टन, पर एनम मिनिमम
खाद्य सामग्री इसमें लाकर, अन्जाने में ही,
घर में हम न्योत रहे यम
प्लास्टिक के संपर्क में आते ही,
खाना बन जाता स्लो पाइजन
निर्दयता से मार रहे गाय बैलों को,
बेकार ही करते हम उनका पूजन
आमाशय में पॉलिथीन इकट्ठे होकर,
पशुओं का जीवन कर देती बेदम
लाखों पशु पक्षी तो मरते ही हैं,
जल, जमीन, वायु में भी बढ़ता प्रदूषण
प्रत्यक्ष में दिखते यह नुकसान सभी को,
परोक्ष में हानि ज्यादा पहुंचाएं
आओ प्लास्टिक मुक्त समाज बनाएं
प्लास्टिक मिटता नहीं कभी भी,
राक्षसों सा है अजर, अमर
अन्य सारे प्रदूषणों से घातक,
प्लास्टिक प्रदूषण का होता कहर
जलाएंगे तो विषाक्त होगी वायु,
जहर फेलेगा इधर-उधर
गाड़ेंगे तो फसल बिगड़ेगी,
उर्वर भूमि बनेगी बंजर
फेकेंगे तो नालियां चोक होकर,
समंदर सा दिखलाएंगी मंजर
जुलाई-अगस्त के पेपर देखें,
नरक बन जाते बड़े नगर
बिगाड़े नहीं फिजा बस्ती की,
नरक बनने से इन्हें बचाएं
आओ प्लास्टिक मुक्त समाज बनाएं
बचा सकते हम धरती अपनी,
बचा सकते कई कीमती जान
ज्यादा कुछ प्रयास नहीं करने हैं,
अवाइड करना है सिर्फ प्लास्टिक सामान
पियें नहीं चाय प्लास्टिक में,
होता है किसी का तो हो अपमान
पाप कर रहे हम पॉलिथीन उपयोग कर,
अब तक नहीं था हमको भान
पर जान बूझकर पाप करें तो,
यह होगा गौ हत्या समान
वैसे भी पॉलीथिन से लगते हम उठाई गिरों से,
थेले से बढ़ती हमारी शान
इस थैले को साथ रखे हम,
पापी पॉलीथिन से मुक्ति पाएं
बिगड़ना नहीं एक पैसा भी,
जिम्मेदारी का सिर फर्ज निभाएं
सरकार ने उठाया है एक कदम,
अगले कदम आप उठाएं
हम स्वयं संकल्प लें पॉलिथीन बंदी का,
घर वालों को भी यह संकल्प दिलाएं
आओ प्लास्टिक मुक्त समाज बनाएं
ये भी देखें :
Pingback: स्वच्छ भारत अभियान पर कविता | Poem on Cleanliness
Pingback: वृक्षारोपण: एक पेड़ लगाए मां के नाम | Hindi Kavita