राम मंदिर पर कविता – आखिर अयोध्या हुई राम की

राम मंदिर पर कविता

राम मंदिर पर कविता

राम इस देश के है,
ये देश राम का है
राममय है जीवन हमारा,
यह सामाजिक परिवेश राम का है
दिन की शुरुआत राम-राम से,
जीवन का अंत राम-नाम से
जो कुछ भी हम बन पाये अब तक,
यह अनुग्रह सर्वेश राम का है
एक अंश भी उतर आये किसी के जीवन मे,
तो लगता है, यह अवतार विशेष राम का है
हर सत्ता करती वादा रामराज्य का,
मान कर की यह आदेश राम का है
ऐसे शंका उठाना जन्म स्थान पर,
यह अपमान अखिलेश राम का है
500 वर्षों की गलती को सुधारा,
जो जसोदती थी बाबर के गुलाम की
आखिर अयोध्या हुई राम की

राम मंदिर पर कविता

राम हमारे आराध्य देव है,
विष्णु के सप्तम अवतार
अभिवादन से मृत्यु शैया तक,
राम नाम ही है आधार
मर्यादा पुरुषोत्तम है, वे सर्वोत्तम है,
दुनिया में जिनके प्रमाण हजार
इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देशों में भी,
जिनकी होती जय-जयकार
उन राम का अस्तित्व नकारना,
हास्यास्पद था यह अत्याचार
पूर्व में जैसे सूरज उगता है,
पश्चिम में हिमालय का विस्तार
वैसे ही राम अयोध्या जन्मे थे,
बेकार ही चल रही थी तकरार
पर उलझे रहे 05 सदी तक,
पूर्वज मर गये मनों को मार
नई पीढ़ी भी सबक यह सीखे,
क्या हैसियत होती है गुलाम की
आखिर अयोध्या हुई राम की

ये सुने –

1528 से था विवाद,
मंदिर तोड़ कर की मस्जिद आबाद
मुगल मीर बाँकी बना जल्लाद,
वैमनस्यता की डाली बुनियाद
रक्षक ही जब भक्षक बन जाये,
हिन्दू किससे करते फरियाद
घोर पीड़ा थी देश प्रेमी रामभक्तो को,
अयोध्या मंदिर टूटने के बाद
1853 में कोशिशें हुई मूर्ति स्थापना की,
पर भारी हुए दंगा-फसाद
सेकड़ो हिन्दुओ की कुर्बानियों से,
समाज ने पाया गहरा अवसाद
1859 में मुसलमानों को अंदर का रास्ता देकर,
अंग्रेजो ने किया विश्वासघात
बाबर को माना राम से बढ़कर,
हमने खून का घूँट पीकर सहा आघात
47 में जब स्वतंत्र हुए तो,
उम्मीदे जागी हिन्दू आवाम की
आखिर अयोध्या हुई राम की

राम मंदिर पर कविता

मुग़लकाल में मंदिर था असंभव,
अंग्रेजो का सत्ता से था लगाव
पर स्वतंत्रता के तत्काल बाद ही,
49 में कुछ हिन्दुओ को आया ताव
मूर्ति राम की रख दी मस्जिद में,
बहुत बड़ गया फिर तनाव
सरकार ने फिर ताला लगवाया,
बदला नही गुलामी का भाव
92 में बांध टूटा सब्र का,
अयोध्या में कार सेवकों का हुआ जमाव
06 दिसंबर को ढहा दी मस्जिद,
प्रधानमंत्री थे नरसिम्हा राव
फिर कुर्बानियाँ हुई सेकड़ो हिन्दुओ की,
कल्याण सिंह भी नही कर सके बचाव
गोधरा में हुई पशुता ने,
तार-तार कर दिया साम्प्रदायिक सद्भाव
10 में आया हाई कोर्ट का फैसला,
तीन हिस्सों में हुआ बिखराव
सुप्रीम कोर्ट गये तीनो ही पक्ष,
न सहमति बनी न सम्भाव
पुरातत्व विभाग के प्रियोगो ने,
कोर्ट पर डाला सकारात्मक प्रभाव
फैसला पक्ष में देना ही पड़ा कोर्ट को,
भरे सदियों पुराने हमारे घाव
जीत आखिर हुई सत्य की,
काम न आई दलीलें हराम की
आखिर अयोध्या हुई राम की

राम मंदिर पर कविता

5-0 से फैसला आया,
सर्व सम्मत हुआ समाधान
न्यायालय के इस निष्पक्ष निर्णय ने,
न्यायालय का बढ़ाया मान
सर्व सम्मति के लिये गोगोई बधाई के पात्र है,
पर अब्दुल नजीर को भी करें सलाम
पर ज्यादा बधाई वकील पाराशरन को,
अकाट्य तर्कों से जिताया महासंग्राम
92 साल की उम्र में भी, राम का काम,
माना आराधना समान
बैठे नही कोर्ट के आग्रह पर भी,
खड़े होकर ही बहसें की तमाम
बधाई देश की सभी सरकारों को,
व्यवस्था के किये माकूल इंतजाम
ओवैसी के अतिरिक कोई विरोध न होना,
हैरान है पाकिस्तान सहित सारा जहान
अब भव्य मंदिर बनना है राम का,
प्रक्रिया चल रही अविराम
भव्यता, दिव्यता ऐसी होगी कि
दुनिया भी कहेगी जय श्री राम
बधाई आप सभी को भी,
पूर्ति हुई सदियों से दबे बरमान की
आखिर अयोध्या हुई राम की

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