राम पर कविताएं – Ram Par Kavita In Hindi

राम पर कविताएं - Ram Par Kavita In Hindi

राम पर कविताएं | Ram Par Kavita In Hindi-

तब राम मिले थे…

तब राम मिले थे काकभुशुंडि जी की वाणी मे।
अब भी राम मिलेगे राम का नाम सुनने से।।

तब राम मिले थे तुलसीदास जी को चौपाईयो मे।
अब भी राम मिलेगे उन चौपाईयो का अनुसरण करने से।।

तब राम मिले थे दशरथ को निभाते वचनो मे।
अब भी राम मिलेगे अपने पिता कि आज्ञा का पालन करने से।।

तब राम मिले थे कौशल्या की ममता मे।
अब भी राम मिलेगे अपने माँ बाप की सेवा करने से।।

तब राम मिले थे सीता को पवित्रता मे।
अब भी राम मिलेगे अपने मन को पवित्र रखने से।।

तब राम मिले थे लक्ष्मण को सेवा मे।
अब भी राम मिलेगे राष्ट्र सेवा करने से।।

तब राम मिले थे भरत को शासन करने मे।
अब भी राम मिलेगे अपना राष्ट्र धर्म निभाने से।।

तब राम मिले थे बजरंग बली के सीने मे।
अब भी राम मिलेगे राम के नाम का जप करने से।।

तब राम मिले थे अनुसूया को मानवता मे।
अब भी राम मिलेगे उस मानवता को बनाये रखने से।।

तब राम मिले थे सबरी को झुठे बेर खिलाने मे।
अब भी राम मिलेगे भूखो को भोजन कराने से।।

तब राम मिले थे घायल जटायु को दर्द मे।
अब भी राम मिलेगे निर्धन बेसहारो को सम्भालने से।।

तब राम मिले थे अयोध्या को मर्यादाओ मे।
अब भी राम मिलेगे भारत की पहचान श्री राम से कराने से।।

सबके राम

इसके राम उसके राम
जो मन सुमिरै उसके राम!

कौशल्या के नंदन बनकर,
चाँद खिलौना लेते राम!

शिव धनुष की प्रत्यंचा बाँधें,
जनक सुता सीता के राम!

दशरथ के वचनों को थामे,
कैकयी की कसमों के राम !

शबरी के जूठे बेर खाकर
हर भाव-भेद मिटाते राम !

केवट जिनके चरण पखारे,
नाव लखन संगतारैं राम !

भाई भरत का मान बढ़ाते,
चरण पादुका मेंबसते राम !

अरण्य वन में सिया बिन तड़पे,
जटायु से पता पूछते राम !

गिलहरी का वंदन करते,
अहल्या की मुक्ति बनते राम !

रामसेतु की महिमा अद्भुत,
पत्थर भी तैराते राम !

हनुमान के हृदय में बसते,
लंका पर विजय कराते राम!

भव से सबको पार उतारें 
त्रेता युग के राजा राम !

महिमा राम की पता न हो तो,
कहकर देखो, जय सियाराम !

अयोध्या में सदा विराजे, जय श्रीराम

~ सुजाता गुप्ता

पुरषोत्तम कहलाते हो

मर्यादा के  मूर्ति  हो  तुम,
जो पुरषोत्तम कहलाते हो,

माता-पिता के आदर्श बने,
भाईयों में भी आदर्श बने,

एकल पत्नी धर्म निभाया,
और सखो से सच्चा मित्रवत निभाया,

गुरु और संतों की खूब सेवा किया आप ने,
माता-पिता का सदा वचन निभाया,

संहारक बने आप सदा दुष्टों का,
नारायण नर बनकर आए इस जहान में,

माया दिखाई आप ने अपनी इस जहान में,
सबक  सीखाने हेतु  मानव जीवन जन्म लिया आप ने

जीवन के संघर्षों का बोध कराया आप ने,
अहंकार लोभ, कोध्र, स्वार्थ, दंभ,
डाह, छल, का बोध कराया आप ने,

सदा दृढ़ संकल्प रहे अपने वचनों पर,
सत्य का सदैव भान कराया आप ने,

सम्मान करो सदा सभी का
पर नारी को ‌सदा अपनी माता समझो,

सदैव समदर्शी और न्याय पर रहो,
साथ न दो कभी अन्याय का,

दया करो सभी प्राणियों पर,
सत्य के मार्ग पर सदा चलो,

ऐसे हैं मेरे प्रभु श्रीराम जी,
जो सदा हमारे उर में माता सीता जी के साथ बसे,

हम है सदा तुम्हारे सेवक बने,
हमें सदा आपका सानिध्य मिले

न कोई है इस जगत में तुम्हारे सिवाय,
शरणागत रहूं मैं आप का सदा,

ऐसा आशीष दीजिए मुझे,
वरद हस्त सिर पर मेरे रख दीजिए,

है मेरी कामना सदा आप से,
मुखारविंद से निकले सदा मेरे,
जय जय श्री राम।।

~अनिल कुमार राठौर

राम से भी बड़ा राम का नाम है 

राम होना भी कोई खेल नही
सिर्फ नीति धर्म का ही मेल नही

मर्यादा को भी समविष्ट करना पड़े
वन के दुर्गम पहाड़ो को चढ़ना पड़े

पित्राज्ञा को धर वन को जाना पड़े
पर्णकुटीयो मे जीवन बिताना पड़े

खुद का भोजन सिया सँग बनाना पड़े
अपने जीवन को वन में बिताना पड़े

सँग लक्ष्मण को ले पथ में आगे बड़े
कर संतो के दर्शन वन शिखर को चढ़े

निज पुत्रो का कड़वा भी सुनना पड़े
सीता पर है विजित विरह चुनना पड़े

राम आदर्श है राम विश्वास है
राम केवट की नय्या की वो आस है

राम मानवता के उच्च आदर्श है
राम शिला सी नारी के स्पर्श है

राम करूंगा धर्म का भी गठजोड़ है
राम जीवन से जीवन का वो मोड़ है

राम के नाम से रामसेतु बना
राम के नाम से अष्म जल मे तना

राम शबरी के बेरो से खिल जायेगे
राम हनुमत के सीने में मिल जायेगे

विदेही का विश्वास है रामजी
सरयू सरिता के तट की आस है रामजी

राम भक्ति बाजारों में मिलती नही
रामशक्ति अलौकिक है, दिखती नही

राम संतो का तप और परिणाम है
राम से भी बड़ा राम का नाम है

~रूपचंद सोनी

उम्मीद करता हूँ आपको ये भगवान राम पर कविताएं पसंद आई होगी।

ये भी देखें-

Similar Posts