टीवी पर कविता – टेलीविजन कविता

 

टीवी पर कविताटीवी पर कविता

टीवी की दुनिया, रंगीन और चमकीली,
घरों का सबसे प्यारा मनोहारी खिलौना।
चाहे सपनों का सफ़र हो या समाचार की बौछार,
टीवी जो बदलती है हमारे जीवन की कहानी का सार।
संगीत की मस्ती, नाटकों की माया,
खिलवड़ों की झलक और कॉमेडी की प्याली।
कोई विदेशी ध्यान बांध लेता है हमारी आँखों का,
कोई देशी मनोरंजन सबको लगाता है आपने मंच पर सजाकर।
साप्ताहिक धरातल का उत्सव, ख़बरों की धूम,
जगत की गतिविधियों को लाता है घर तक।
अद्भुत विज्ञान के चमत्कार दिखलाता है,
टेलीविजन ने दिलों को जोड़ा है बेहतर तक।
जीवन की गति है इसमें, खुशियों की बारिश है यहाँ,
टीवी जो जीने का अहसास दिलाता है सबको।
शिक्षा, संगीत, कला और प्रेरणा का संगम है यह,
टीवी ही है हमारी मनोरंजन की सच्ची कहानी।
     ये भी देखें:
            अखबार पर कविता
            चाय पर कविता
            आईना पर कविता
टीवी पर कविता

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top