अखबार पर कवितासमाचार का खज़ाना है यह अख़बार,जो जग के रंग-मंच की कहानी सुनाए।हर सुबह उठकर जब ये हाथों में आए,दिल में उमंगों की बौछार चमक जाए।वार्तापत्रों की पंक्ति सजाए,दर्शकों की रूहों को मोहित कर जाए।मायूसी से दिल को रगड़कर उठा दे,खुशियों की ग़म छुपाकर ले आए।मनोहारी छवियों से हृदय में छाए,समस्याओं के तारों को दूर भगाए।समाचार की सुरमई आवाज़ में,विचारों की आग जगाए।अख़बार ने हमें रिश्ते दिए हैं अनजानों से,पूरे विश्व की ख़बरें हमें सुनाई हैं।देश-विदेश की घटनाओं को छूता है ये कागज़,समाचार का ये ज़रा सा कागज़।अखबार पर कविता
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