Chai Par Kavita – दोस्तों की मजबूरी को | चाय पर कविता

Chai Par Kavita

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चाय की ये एक कहानी है,
जो भावों को जगाती है।
एक प्याली गर्म सी,
जीवन के हर पल को छू जाती है।
सुबह की पहली चाय,
जगाती है नयी उमंग,
संगीत की सरगम बनकर,
मन को नयी आस्था देती है।
मिट्टी के स्वाद को गले लगा,
सृष्टि की गहराइयों में उतर जा,
चाय की चुस्की से मिट जाए,
मन की सारी अधूरी ख्वाहिशें वहीं पर।
रंगीन चाय की प्याली में,
भरे हैं जीवन के सपने।
खुशियों का रंग बिखेरती है,
हर रोज़ नयी खुशियों की भरमार करती है।
दर्द की चाय, अश्रुओं की बूँदों से भरी,
दर्द को हल्का करती है वहाँ।
एक साथ बैठे दोस्तों की मजबूरी को समझती है,
हर गम की ज़ुबान बनकर सुनती है।
जीवन की यात्रा में चाय,
साथी बनी हर ठोकर पर।
सम्पूर्णता का एहसास दिलाती है,
अंतर्मन की गहराइयों को छू जाती है।
चाय की ये लहरें, ये उठते धुएं,
भावों की गहराई से जुड़ी हैं।
चाय की एक प्याली में,
विभिन्न रंग और भाव बसे हैं।
चाय का संगीत, चाय का रंग,
हमारी भावनाओं को जोड़ता हैं।
चाय की एक बूँद से हम,
जीवन की समृद्धि का अहसास करते हैं।
Chai Par Kavita

अखबार पर कविता

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