चश्मा पर कविता – धूप, धूल या हो बरसात, हर पल आँखों पर पहरा है चश्मा आंखों की नई रोशनी, करता है नजरों की सहायता। धूप-छाँव के खेल में साथी, धुन्दलेपन से दिलाता स्वतंत्रता। Jul 26, 2023Jul 26, 2023चश्मा