आईना पर कविता: आईना, जो मुझको मेरी रूप-रेखा बताता है आईना, जो मुझको मेरी रूप-रेखा बताता है, सच्चाई की रोशनी लेकर मेरा चेहरा छिपाता है। यह दर्पण, मेरी अंतर्दृष्टि को प्रकट करता है, मेरे भावों की प्रतिबिंबिति कर, सच्चाई बतलाता है। Jun 16, 2023Jul 6, 20231 Comment on आईना पर कविता: आईना, जो मुझको मेरी रूप-रेखा बताता हैHindi Kavitaआईना