
Motivational Poem: हे वीर पुरुष, पुरुषार्थ करो
हे वीर पुरुष, पुरुषार्थ करो,
तुम अपना मान बढ़ाओ न।
अपनी इच्छा शक्ति के बल पर,
उनको जवाब दे आओ न।Motivational Poem: हे वीर पुरुष, पुरुषार्थ करो
वे वीर पुरुष होते हीं नहीं,
जो दूजों को तड़पाते हैं।

रक्षाबंधन पर कविता
पौराणिक युग से ऐतिहासिक काल तक
हमने देखी राखी की शक्ति
बलि को धागा बांधा लक्ष्मी ने,
भगवान की कराई सुरक्षित मुक्तिरक्षाबंधन पर कविता...

चन्द्रयान-3 पर कविता
बधाई वैज्ञानिकों को, बधाई इसरो को,
बहुत-बहुत बधाई अध्यक्ष सोमनाथबधाई पूर्व अध्यक्ष के. सिवन को,
सफलता में उनका भी बड़ा हाथ
सारी टीम हकदार बधाई की,
जिन्होंने एक कर दिएचन्द्रयान-3 पर कविता

तुलसीदास पर कविता: एक अकेले तुलसीदास
देववाणी में थी रामायण,
समझना जरा था मुश्किल काम
अकबर का दीन ए इलाही हिंदुत्व को,
दे रहा था बड़ा नुकसान
धर्म निरपेक्षता की कृत्रिम छबि से,
धोखा खा रही थी हिन्दू...तुलसीदास पर कविता: एक अकेले तुलसीदास

ब्राह्मण – मैथिलीशरण गुप्त की कविता
हे ब्राह्मणो! फिर पूर्वजों के तुल्य तुम ज्ञानी बनो,
भूलो न अनुपम आत्म-गौरव, धर्म के ध्यानी बनो।
कर दो चकित फिर विश्व को अपने पवित्र प्रकाश से...ब्राह्मण – मैथिलीशरण गुप्त की कविता

हिंदी कविता: विवेकानंद पर कलम चलाएं
30 वर्ष की अल्पायु में ही,
हुए परमहंस के उत्तराधिकारी
नवजागरण के व्याख्यानों पर,
जुड़ने लगी भीड़ भारी
धर्म संसद होनी थी शिकागो में,
दुनिया कर रही थी तैयारीहिंदी कविता: विवेकानंद पर कलम चलाएं

चश्मा पर कविता
चश्मा आंखों की नई रोशनी,
करता है नजरों की सहायता।
धूप-छाँव के खेल में साथी,
धुन्दलेपन से दिलाता स्वतंत्रता।चश्मा पर कविता

कारगिल विजय पर कविता
एक सूरज उगता है, नयी उम्मीद के संग,
हर ओर छा जाता है खुशियों रंग।
आज आ पड़ा वो दिन, वो खुशनुमा वक्त,
जो उत्साह के साथ कर देता है आँखे नम।कारगिल विजय पर कविता

बालिका शिक्षा पर सुविचार
बेटी की पढ़ाई सद्गुणों का निधान है, जो उसे असीम सफलता की ओर ले जाता है।
जिस घर में बेटी की पढ़ाई होती है, वहां उज्ज्वलता और समृद्धि की रोशनी बिखरती है।बालिका शिक्षा पर सुविचार

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है!
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है।