छत्रपति शिवाजी महाराज के 8 पावरफुल विचार

अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला, और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला, पूरे विश्व पर राज कर सकता है।

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योंकि पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाङ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।

शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरो भी मत।

स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर किसी को है।

जब लक्ष्य जीत का हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य, क्यो न हो उसे चुकाना ही पड़ता है।

जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी दृढ़ता से, अपने कार्यो मे लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है।

शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यो न हो, उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।

महाराणा प्रताप बस नाम ही काफी है

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