मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता
कंकर-कंकर, शंकर जहां पर, कण-कण में है भगवान
है राम से राम-राम तक, श्वाश-श्वाश में बसते राम
भारत तेरा स्वाभिमान है राम
युग बदले सदियाँ बीती, बढ़ती जाती नाम से प्रीती
बिन तुम्हारे दुनिया रीती, नाम सहारे विपदा जीती
सारी विपदाओं का समाधान
भारत तेरा स्वाभिमान है राम
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माँ पर कविता