Rabindranath tagore kavita in hindiअनसुनी करके तेरी बातन दे जो कोई तेरा साथतो तुही कसकर अपनी कमरअकेला बढ़ चल आगे रे–अरे ओ पथिक अभागे रे ।देखकर तुझे मिलन की बेरसभी जो लें अपने मुख फेरन दो बातें भी कोई क रेसभय हो तेरे आगे रे–अरे ओ पथिक अभागे रे ।तो अकेला ही तू जी खोलसुरीले मन मुरली के बोलअकेला गा, अकेला सुन ।अरे ओ पथिक अभागे रेअकेला ही चल आगे रे ।जायँ जो तुझे अकेला छोड़न देखें मुड़कर तेरी ओरबोझ ले अपना जब बढ़ चलेगहन पथ में तू आगे रे–अरे ओ पथिक अभागे रे ।Rabindranath tagore kavita in hindi