1. मन जहां डर से परे है
2. विपदाओं से रक्षा करो
3. रोना बेकार है
4. गर्मी की रातों में
अनसुनी करके तेरी बात – Rabindranath tagore kavita in hindi
अनसुनी करके तेरी बात
न दे जो कोई तेरा साथ
तो तुही कसकर अपनी कमर
अकेला बढ़ चल आगे रे–
अरे ओ पथिक अभागे रे ।


