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मध्यप्रदेश स्थापना दिवस – कविता |
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर कविता
देश के हृदय में स्थित, हम प्रदेश की महान आत्माएं
शांति का हम बड़ा उदाहरण, समृद्धि पर कदम हमारे बढ़ते जाएं
बीमारू प्रदेशों से आगे बढ़कर, अब हम विकसित राज्य कहलाएं
देश की औसत आमद से ज्यादा, आज हम अपनी इनकम पाएं
निवेश के लिए हें अनुकूल परिस्थितियां, सारे धनाढ्य कतार में आएं
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
7 करोड़ से ऊपर आबादी, बहुत बड़ा है क्षेत्रफल हमारा
नर्मदा हमारी जीवन रेखा, चंबल, बेतवा देती सहारा
मालवा, निमाड़ से बघेलखंड, बुंदेलखंड तक, पांच भागों में है प्रदेश सारा
खनिज संपदा से समृद्ध हीरा, तांबा, मेंगनीज में, प्रथम है स्थान हमारा
सर्वाधिक वन भूमि और जनजातियों से, हमने अपना भाग्य सवाँरा
70% शिक्षा के दम पर, और भी बढ़ती जाती संभावनाएं
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
सांस्कृतिक समृद्धि में देखें तो, खजुराहो, सांची और भीमबेटका, विश्व धरोहर में हे शुमार
तानसेन, बैजू बावरा हैं पर्याय संगीत के, तो गर्व हमारा अलाउद्दीन, लता और किशोर कुमार
कालिदास के किसी एक नाटक से ही, भारत की भौगोलिकता का हो जाता दीदार
अटल, अंबेडकर और आजाद की यह भूमी, गर्व कराती कई कई बार
जनजातियों की लोक कला संस्कृति और नृत्य, गायन का संपूर्ण विश्व मानता उपकार
संपूर्ण भारत बसता प्रदेश में, त्योहारों पर दिखती यह सुन्दर छटाएं
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
अब बात करें ऐतिहासिकता की, पौराणिकता की, गर्व का जिन से बनता है कारण
राम का वन गमन पथ निकला चित्रकूट से, तो कृष्ण ने उज्जैनी में किया अध्ययन
सारी दुनिया सिमटती उज्जैन में, जब कुंभ का होता महा आयोजन
मांडू, ओन्कारेश्वर से पचमढ़ी, खजुराहो तक, कई स्थल बनते पर्यटन का प्रयोजन
नारी गौरव लक्ष्मी बाई, दुर्गावती और अहिल्या बाई को, नमन करने को नही चाहता किसका मन
विक्रमादित्य और भोज जैसे राजाओं और आजाद जैसे शहीदों का, नतमस्तक हो हम करें स्मरण
असंभव है सारे नाम गिनाना, कविता की भी हे कुछ सीमाएं
स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
वर्तमान की बात करें अब, कृषि कर्मण पा रहे हम हर साल
देश के प्रमुख स्वच्छ शहरों में, प्रथम हैं हमारे इंदौर भोपाल
ना कोई सांप्रदायिकता, न संकीर्णता, शांति की हैं हम अद्भुत मिसाल
प्रकृति भी है साथ हमारे, ना भूकंप, न तूफान, न बड़ी बाढ़,ना अकाल
सर्वाधिक सुरक्षित है प्रदेश हमारा, बिजली-सड़क-पानी भी अब सहज मुहाल
कोरोना आया हे अवरोध बन कर, पर जल्दी ही हम सुरक्षित अपने को लेंगे निकाल
सब कुछ शुभ ही शुभ है हमारे प्रदेश में, इस शुभ में और शुभता, शुचिता लाएं
देश के हृदय में बसते हैं हम, इस ह्रदय को और मजबूत बनाएं
पॉलिथीन फ्री, प्रदूषण मुक्ति और खाद्य शुद्धि के लिए, संकल्प लें, संकल्प दिलाएं
वृक्षारोपण को माने धर्म, स्वच्छता अपनी आदत मे लायें
स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं