घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं – दशहरा पर कविता
घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐंघर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं,रावण एक था त्रेता युग में, द्वापर में कंस और सो कौरवआतंक…
घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐंघर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं,रावण एक था त्रेता युग में, द्वापर में कंस और सो कौरवआतंक…
क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की - कवितादुख सभी को होता है, किसी की निर्मम हत्या होने परदुख होता है, पवित्र धारणाओं के मिथ्या होने परदुख होता…
एक अकेले तुलसीदास - कविताएक अकेले तुलसीदास - तुलसीदास जी पर कविता | Tulsidas ki Kavitaना कोई तुलना, ना कोई टक्कर, उन पर निर्भर सारा इतिहासकवि कहें, संत कहें या मसीहा…
जीवन का उद्देश्यअनन्त युगों से चल रही दुनिया, अनन्त युगों तक चलना हैअनन्त जीवन पाना है, अनन्त रूपो में ढलना हैअनन्त क्षितिज है, अनन्त सूर्य है, अनन्त हमारी अभिलाषायेंअनन्त है…
आओ अब वृक्ष लगाना बंद करेंआओ अब वृक्ष लगाना बंद करें,क्यों मृत्यु दर को मंद करें भीड़ बढ़ रही कीट पतंगों सी, क्यों स्वच्छ हवा का इन्हें प्रबंध करेंचिंता नहीं जब किसी…
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएंत्योहारों का देश हमारा, एक दो दिवस के होते हर त्यौहारपर नवरात्रि चलती नौ दिनों तक, वर्ष में मनाते हम दो-दो बारसुप्त नवरात्रि भी जोड़े तो, नौ-नौ…
विश्वकर्मा जयंती कविताविधाता ने बनाई दुनिया, पर बाकी कुछ रखे बचा कर कामरंगहीन दुनिया में रंग भरने को, स्वयं जन्मे प्रजापति विश्वकर्मा भगवानअंगिरा पुत्र बृहस्पति की बहन भुवना की, माने जाते आप संतानब्रह्मा,…
हिंदी दिवस कविता हिंदी दिवस पर कवितासंस्कृत जननी है विश्व भाषाओं की, मानता है सारा संसारहमारी क्षेत्रीय भाषाओं का भी, संस्कृत ही है मूल आधारदेववाणी रही संस्कृत, तपस्वियों ने संस्कृत में…
भारत तेरा स्वाभिमान है राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता कंकर-कंकर, शंकर जहां पर, कण-कण में है भगवान है राम से राम-राम तक, श्वाश-श्वाश में बसते राम …
आखिर अयोध्या हुई राम कीराम इस देश के है, ये देश राम का हैराममय है जीवन हमारा, यह सामाजिक परिवेश राम का हैदिन की शुरुआत राम-राम से, जीवन का अंत…