मेहनतकश पर कविता | मजदूर दिवस
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मेहनतकश पर कविता | मजदूर दिवस

विधाता ने बनाई दुनिया,
पर बाकी कुछ रखे बचा कर काम
रंगहीन दुनिया में रंग भरने को,
श्रमिक ही हैं दूसरे भगवान

विजय दिवस
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विजय दिवस: 2 टुकड़े करना दुश्मन के और समर्पण करना 93 हजार

याद करे हम उन्नीस सौ इकहत्तर,
सुलग रहा था पाकिस्तान का पूर्वोत्तर
आंतरिक मसला था पाकिस्तान का,
पर था हमारी सीमा से सट कर
हजारो मर रहे थे पूर्वी पाकिस्तानी,
भारत पर भी होने लगा असर

Madhya Pradesh Sthapna Diwas
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Madhya Pradesh Sthapna Diwas – Hindi Kavita

देश के हृदय में स्थित, हम प्रदेश की महान आत्माएं
शांति का हम बड़ा उदाहरण, समृद्धि पर कदम हमारे बढ़ते जाएं
बीमारू प्रदेशों से आगे बढ़कर, अब हम विकसित राज्य कहलाएं

प्लास्टिक प्रदूषण पर कविता
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प्लास्टिक प्रदूषण पर कविता – आओ प्लास्टिक मुक्त समाज बनाएं

अपने आदमी से इंसान होने के प्रमाण में,
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लाने संज्ञान में,
हम संकल्पित हो मन, वचन और कर्म से,
सरकार के पॉलिथीन मुक्ती अभियान में
पॉलीथिन है दुश्मन प्रकृति का,
ना आप इससे बेखबर, ना ही इससे अनजान मैं

दशहरा पर कविता
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दशहरा पर कविता – इतने राम कहां से लाऐं

हर वर्ष दहन होता रावण,
पर अगले साल और बड़ा होता है
पहले शहर में एक जलता था,
अब हर मोहल्ले में खड़ा होता है
कौन जलाए, किस के फोटो आए,
यह प्रश्न बड़ा होता है
जिसमें रत्ती भर भी नहीं अंश राम का,
सिर्फ खोल चढ़ा होता है

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क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की – कविता

क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की – कविता दुख सभी को होता है, किसी की निर्मम हत्या होने पर दुख होता है, पवित्र धारणाओं के मिथ्या होने पर दुख होता है, चोरी, डकैती, आतंकी घटनाओं पर पर दुख ज्यादा होता है, पाशविक, क्रूर जघन्यताओं पर दोषी को सजा भी मिलती है, पर…

Tulsidas ki Kavita
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Tulsidas ki Kavita- एक अकेले तुलसीदास| Tulsidas Poem in Hindi

ना कोई तुलना, ना कोई टक्कर,
उन पर निर्भर सारा इतिहास
कवि कहें, संत कहें या मसीहा समाज के,
सीमित करने का न करें प्रयास
सम्पूर्ण मानव थे इस धरा पर,

जीवन का उद्देश्य कविता
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जीवन का उद्देश्य कविता – अनन्त युगों से चल रही दुनिया

अनन्त युगों से चल रही दुनिया,
अनन्त युगों तक चलना है
अनन्त जीवन पाना है,
अनन्त रूपो में ढलना है
अनन्त क्षितिज है, अनन्त सूर्य है,
अनन्त हमारी अभिलाषायें
अनन्त है विस्तार ब्रह्मांड का,
अनन्त हमारी दसों दिशायें

पर्यावरण पर कविता
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पर्यावरण पर कविता – आओ अब वृक्ष लगाना बंद करें

आओ अब वृक्ष लगाना बंद करें,
क्यों मृत्यु दर को मंद करें
भीड़ बढ़ रही कीट पतंगों सी,
क्यों स्वच्छ हवा का इन्हें प्रबंध करें
चिंता नहीं जब किसी को भविष्य की तो,
क्यो अक्ल के मन्दो को अक्लबंद करें

नवरात्रि पर कविता
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नवरात्रि पर कविता | Navratri Poem in Hindi

त्योहारों का देश हमारा,
एक दो दिवस के होते हर त्यौहार
पर नवरात्रि चलती नौ दिनों तक,
वर्ष में मनाते हम दो-दो बार