तुझे जीना होगा – सविता पाटिल | हिंदी कविता
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तुझे जीना होगा – सविता पाटिल | हिंदी कविता

इन लम्हों को बीतने दे
जो प्रलय उठा है जीवन में उसे थमने दे
यहाँ कुछ भी तो शाश्वत नहीं
फिर किस बात से तू आश्वत नहीं

किसान पर कविता – कभी न करना अन्न दाता का अपमान
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किसान पर कविता – कभी न करना अन्न दाता का अपमान

अन्न के कण-कण में होते है भगवान
कभी न करना अन्न दाता का अपमान
अन्न से ही जीवन की गति है चलती
शरीर को ताकत और ऊर्जा भी मिलती

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता | Poem on Swachh Bharat
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स्वच्छ भारत अभियान पर कविता | Poem on Swachh Bharat

परमाणु शक्ति है देश हमारा,
दुनिया में हम प्रथम लोकतंत्र कहलायें
आबादी में हम दूसरा नंबर,
बहुतायत में हैं खनिज संपदाऐं

नरेन्द्र मोदी पर कविता – मोदी जी के लिए अभिनंदन पत्र
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नरेन्द्र मोदी पर कविता – मोदी जी के लिए अभिनंदन पत्र

साधु महात्माओं सी जीवन शैली,
हिमालय तपस्या का दिखता असर
कुछ घंटे ही आप सोते हैं,
खाना-पीना सिर्फ जरूरत भर

Raksha Bandhan Par Kavita: उत्सव, पर्वों का देश हमारा
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Raksha Bandhan Par Kavita: उत्सव, पर्वों का देश हमारा

उत्सव, पर्वों का देश हमारा, हर सप्ताह मनाते हम त्यौहार 
पर जब आता है त्यौहार राखी का, भावनाओं का चढ़ता ज्वार

कृष्ण कविता – कृष्ण के गीता ज्ञान से
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कृष्ण कविता – कृष्ण के गीता ज्ञान से

बगैर गीता के भी हम जीवन जी रहे, शानदार दिन गुजर रहे
जरूरत कहां किसी भी ज्ञान की, कुत्ते तक अपना पेट भर रहे
मैं बात करूं अपने जैसों की तो, हमें जो करना था वह हम कर रहे

मनुष्य के तीन प्रकार – हिंदी कविता
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मनुष्य के तीन प्रकार – हिंदी कविता

घटिया होते हैं वो लोग,
जो करते हैं सिर्फ लोगों की बात
खुद की प्रशंसा और दूसरों की बुराई मे,
खपाते अपने दिन और रात

Poem on Swami Vivekananda in Hindi – विवेकानंद पर कलम चलाएं
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Poem on Swami Vivekananda in Hindi – विवेकानंद पर कलम चलाएं

त्रेता में राम, द्वापर में कृष्ण,
कलयुग में कबीर और विवेकानंद
महापुरुष जन्म लेते हैं सदियों में,
सदियों तक रहती उनकी सुगंध
19वीं सदी ऋणी स्वामी जी की,
जिनने अध्यात्म का मिटाया अंतर्द्वंद

मदन मोहन मालवीय जी पर कविता – एक अकेले मदन मोहन
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मदन मोहन मालवीय जी पर कविता – एक अकेले मदन मोहन

कुछ लोग होते हैं, जो महान होते हैं,
महात्मा कहलाते हैं
कुछ लोग होते हैं, जो पवित्र होते हैं,
शुद्धात्मा कहलाते हैं
कुछ लोग होते हैं देवतुल्य,
जो देवात्मा कहलाते हैं

वीर तेजाजी महाराज – हिंदी कविता | तेजाजी महाराज की कथा
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वीर तेजाजी महाराज – हिंदी कविता | तेजाजी महाराज की कथा

33 करोड़ देवता हमारे,
पूजन अर्चन का है विधान
हमारी संस्कृति, साहित्य और सनातन परंपरा में,
महापुरुष भी रहे देव समान
वीर तेजाजी हैं बड़े देवता,
मानता है आधा लगभग हिंदुस्तान