Similar Posts
![बदलाव पर कविता](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/01/%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE.jpg.webp)
बदलाव पर कविता – मैं क्यों खुद को बदलूँ
मैं, मैं हूँ
और सदा मैं ही रहूँ !
मैं क्यों खुद को बदलूँ ?
मेरी सोच मेरी है
जानता हूँ, ये खरी है !
![तुझे जीना होगा](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2020/12/%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BE-768x448.webp)
तुझे जीना होगा – सविता पाटिल | हिंदी कविता
इन लम्हों को बीतने दे
जो प्रलय उठा है जीवन में उसे थमने दे
यहाँ कुछ भी तो शाश्वत नहीं
फिर किस बात से तू आश्वत नहीं
![संघर्ष और सफलता कविता](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/02/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE.jpg.webp)
संघर्ष और सफलता कविता – मंजिलों की क्या हैसीयत
कश्तियां कहाँ मना करती है
तूफानों से टकराने को
वो मांझी ही डर जाता है
अपने आप को आजमाने को
![Hindi Kavita on Life](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2023/06/Hindi-Kavita-on-Life-768x448.webp)
Hindi Kavita on Life: जीवन एक कविता है
जीवन एक कविता है, सुंदर और अद्वितीय,
स्वर्ग और नरक का खेल है, अनंत और अनन्ती।
यह एक सफर है, मजबूती और कमज़ोरी का,
आशा की रौशनी और विपत्तियों का मंज़र है।
![Patriotic Poem in Hindi | स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/01/Bharat-Post-768x432.jpg.webp)
भारत देश पर कविता | ये देश बनता है – सविता पाटिल
ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से
पहाड़ो से या मैदानों से
पठारों या रेगिस्तानों से
ये देश बनता है….
यहाँ बसते इंसानों से।
![परिवर्तन पर कविता](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2020/12/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-768x448.webp)
परिवर्तन पर कविता: बदलाव करो निरंतर करो
बदलाव करो, निरंतर करो
पर उसमें कुछ बेहतर करो
बदलाव हो जो जीवन सरल करे
जड़ता को विरल करे
बदलाव अज्ञानता से ज्ञान का
मूढ़ता से विद्यावान का