तू भी है राणा का वंशज | Tu bhi hai rana ka vanshaj | वाहिद अली वाहिद

तू भी है राणा का वंशज | Tu Bhi Hai Rana Ka Vanshaj

तू भी है राणा का वंशज

कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए

दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए

दोनों ओर लिखा हो भारत
सिक्का वही उछाला जाए

तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए

इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो
फिर शीशे में ढाला जाए

तेरे मेरे दिल पर ताला
राम करें ये ताला जाए

वाहिद के घर दीप जले तो
मंदिर तलक उजाला जाए

कब तक बोझ संभाला जाए
युद्ध कहां तक टाला जाए

तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए

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