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तू भी है राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए – वाहिद अली वाहिद |
तू भी है राणा का वंशज – वाहिद अली वाहिद |
Maharana Pratap Vanshaj
कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए
दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए
दोनों ओर लिखा हो भारत
सिक्का वही उछाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए
इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो
फिर शीशे में ढाला जाए
तेरे मेरे दिल पर ताला
राम करें ये ताला जाए
वाहिद के घर दीप जले तो
मंदिर तलक उजाला जाए
कब तक बोझ संभाला जाए
युद्ध कहां तक टाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए…
नरेंद्र मोदी जी पर कविता – मोदी जी के लिए अभिनंदन पत्र
fek jaha tak bhala jaye
yudh kaha tak tala jaye