Kalam aaj unki jai bol – रामधारी सिंह दिनकरBy Kavita Dunia | February 17, 2021 Kalam aaj unki jai bol – रामधारी सिंह दिनकर | कलम, आज उनकी जय बोलजला अस्थियाँ बारी-बारीचिटकाई जिनमें चिंगारी,जो चढ़ गये पुण्यवेदी परलिए बिना गर्दन का मोल।कलम, आज उनकी जय बोलजो अगणित लघु दीप हमारेतूफानों में एक किनारे,जल-जलकर बुझ गए किसी दिनमाँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।कलम, आज उनकी जय बोलआओ सूरज को दिया दिखाएं, विवेकानंद पर कलम चलाएंपीकर जिनकी लाल शिखाएँउगल रही सौ लपट दिशाएँ,जिनके सिंहनाद से सहमीधरती रही अभी तक डोल।कलम, आज उनकी जय बोलअंधा चकाचौंध का माराक्या जाने इतिहास बेचारा,साखी हैं उनकी महिमा केसूर्य चन्द्र भूगोल खगोल।कलम, आज उनकी जय बोल
मजदूर कविता रामधारी सिंह दिनकर | Majdoor Par KavitaBy Kavita Duniaमैं मजदूर हूँ मुझे देवों की बस्ती से क्या! अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाये,
Krishna Ki Chetavani | रामधारी सिंह दिनकर | RashmirathiBy Kavita Duniaवर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब…