Tag: सविता पाटिल

ये देश बनता है कविता

ये देश बनता है – सविता पाटिल

ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से पहाड़ो से या मैदानों से पठारों या रेगिस्तानों से ये देश बनता है.... यहाँ बसते इंसानों से।