भारतीयता को मिले विस्तार, कोरोना की होगी निश्चित हार
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भारतीयता को मिले विस्तार, कोरोना की होगी निश्चित हार – कविता

कोरोना की होगी निश्चित हार शुभ ही शुभ घटता प्रकृति में, शुभ प्रकृति का, स्थायी व्यवहार। शुभ के लिए ही जन्मते धर्म, शुभ के लिए ही होते अवतार। सनातन धर्म है शुभ सदा से, विज्ञान को हमने माना आधार। शुभ संस्कृति में रहा समाहित, जिससे शुद्ध रहे आचार विचार। शुभ, शुद्ध और संयम का संतुलन,…

क्या होगा कोरोना के बाद?
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क्या होगा कोरोना के बाद? – हिंदी कविता

जब कोरोना छट जाएगा,
नया युग तब आएगा।
इतिहास लिखा जाएगा ऐसे,
युग समाप्त हुआ हो जैसे।
एक कोरोना के पहले,
एक कोरोना के बाद।
क्या होगा कोरोना के बाद?