बाल विवाह कविता – हिंदी कविता
बाल विवाह का मतलब साफ
जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
कानून के तो यह है ही खिलाफ
प्रकृति विरुद्ध भी है यह पाप
पढ़ने, खेलने की उम्र में शादी,
जीवन भर का देती संताप
हमारी इस एक गलती का,
बाल विवाह का मतलब साफ
जल्दी में शादी फुर्सत में पश्चाताप
कानून के तो यह है ही खिलाफ
प्रकृति विरुद्ध भी है यह पाप
पढ़ने, खेलने की उम्र में शादी,
जीवन भर का देती संताप
हमारी इस एक गलती का,
नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अन्तर्मन,
तब सुख के मिले समन्दर का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
अनसुनी करके तेरी बात
न दे जो कोई तेरा साथ
तो तुही कसकर अपनी कमर
अकेला बढ़ चल आगे रे–
अरे ओ पथिक अभागे रे ।
नये संसद की रचना की गई,
स्वप्नों का आकार बदला गया।
महानता की वाणी सुनाई दी,
जग में नया उजाला जगाया गया।
स्वतंत्रता के संगठन का नया निवास,
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
बादल गमों का साथी हैं जीवन के,
हर अँधेरे में उम्मीद का पहरा लेकर।
जैसे उनके गुजरने से आती हैं बहार,
हमारे जीवन में खुशियों की बौछार लेकर।
जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें।
याद करें काला पानी को,
अंग्रेजों की मनमानी को,
कोल्हू में जुट तेल पेरते,
किसी रात को
मेरी नींद अचानक उचट जाती है
आँख खुल जाती है
मैं सोचने लगता हूँ कि
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का
आविष्कार किया था
वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण
वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
सौभाग्य न सब दिन सोता है,
देखें, आगे क्या होता है
अब मै सूरज को नही डूबने दूंगा
देखो मैने कंधे चौडे कर लिये हैं
मुट्ठियाँ मजबूत कर ली हैं
और ढलान पर एडियाँ जमाकर
खडा होना मैने सीख लिया है