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परिवर्तन पर कविता: बदलाव करो निरंतर करो
बदलाव करो, निरंतर करो
पर उसमें कुछ बेहतर करो
बदलाव हो जो जीवन सरल करे
जड़ता को विरल करे
बदलाव अज्ञानता से ज्ञान का
मूढ़ता से विद्यावान का
![भारत देश पर कविता | ये देश बनता है – सविता पाटिल](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/01/Bharat-Post-768x432.jpg.webp)
भारत देश पर कविता | ये देश बनता है – सविता पाटिल
ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से
पहाड़ो से या मैदानों से
पठारों या रेगिस्तानों से
ये देश बनता है….
यहाँ बसते इंसानों से।
![Hindi Poems on Life – Best Hindi Poems](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2023/07/hindi-poems-on-life-768x448.webp)
Hindi Poems on Life – Best Hindi Poems
पहले पाठ में सीखेंगे हम,
जीवन की अनमोल विद्याएं।
संघर्ष का वह मार्ग चुनेंगे,
जो आए सफलता में काम।
दूसरे पाठ में सीखेंगे हम,
कठिनाइयों को आसान करना।
![बदलाव पर कविता – मैं क्यों खुद को बदलूँ](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/01/%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE.jpg.webp)
बदलाव पर कविता – मैं क्यों खुद को बदलूँ
मैं, मैं हूँ
और सदा मैं ही रहूँ !
मैं क्यों खुद को बदलूँ ?
मेरी सोच मेरी है
जानता हूँ, ये खरी है !
![किसान पर कविता – कभी न करना अन्न दाता का अपमान](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2020/12/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-768x768.webp)
किसान पर कविता – कभी न करना अन्न दाता का अपमान
अन्न के कण-कण में होते है भगवान
कभी न करना अन्न दाता का अपमान
अन्न से ही जीवन की गति है चलती
शरीर को ताकत और ऊर्जा भी मिलती
![संघर्ष और सफलता कविता – मंजिलों की क्या हैसीयत](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/cwv-webp-images/2021/02/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE.jpg.webp)
संघर्ष और सफलता कविता – मंजिलों की क्या हैसीयत
कश्तियां कहाँ मना करती है
तूफानों से टकराने को
वो मांझी ही डर जाता है
अपने आप को आजमाने को