कृष्ण कविता – कृष्ण के गीता ज्ञान से
बगैर गीता के भी हम जीवन जी रहे, शानदार दिन गुजर रहे
जरूरत कहां किसी भी ज्ञान की, कुत्ते तक अपना पेट भर रहे
मैं बात करूं अपने जैसों की तो, हमें जो करना था वह हम कर रहे
पढ़े लिखे, नोकर हुए, पेंशन पाई, आबादी बड़ाई और मर रहे
पर क्या यही था उद्देश्य जीवन का, पूछे अपने अंतर्मन के भगवान से
हम निखारे जीवन अपना, कृष्ण के गीता ज्ञान से
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