मां की तस्वीर नहीं रखता कमरे में मैं – छोटी सी कविता
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मां की तस्वीर नहीं रखता कमरे में मैं – छोटी सी कविता

मां की तस्वीर नहीं रखता
कमरे में मैं
वह बसती है यादों में मेरे
आंखों से बहती सांझ सबेरे

Maa Par Kavita in Hindi | माँ की ममता जग से न्यारी | शम्भूनाथ तिवारी
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Maa Par Kavita in Hindi | माँ की ममता जग से न्यारी | शम्भूनाथ तिवारी

अगर कभी मैं रूठ गया तो,
माँ ने बहुत स्नेह से सींचा।
कितनी बड़ी शरारत पर भी,
जिसने कान कभी ना खीँचा।

माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन | Mother Poem in Hindi
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माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन | Mother Poem in Hindi

आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया,
माँ की ऊँगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया।
उंगलियाँ पकड़कर माँ ने मेरी मुझे चलना सिखाया है,
खुद गीले में सोकर माँ ने मुझे सूखे बिस्तर पे सुलाया है।

मनोज मुंतशिर कविता माँ | माँ की ममता हिंदी कविता
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मनोज मुंतशिर कविता माँ | माँ की ममता हिंदी कविता

हिसाब लगा के देख लो 
दुनिया के हर रिश्ते में कुछ अधूरा आधा निकलेगा
एक मां का प्यार है 
जो दूसरों से 9 महीने से ज्यादा निकलेगा।