असंभव से संभव तक – सविता पाटिल
असंभव से संभव तक - कविताअसंभव से संभव तक - सविता पाटिल कश्तियां कहाँ मना करती हैतूफानों से टकराने कोवो मांझी ही डर जाता है अपने आप को आजमाने कोउम्र भला हमे…
असंभव से संभव तक - कविताअसंभव से संभव तक - सविता पाटिल कश्तियां कहाँ मना करती हैतूफानों से टकराने कोवो मांझी ही डर जाता है अपने आप को आजमाने कोउम्र भला हमे…
मैं क्यों खुद को बदलूँ - बदलाव पर कवितामैं क्यों खुद को बदलूँ - बदलाव पर कविता - सविता पाटिलमैं, मैं हूँऔर सदा मैं ही रहूँ !मैं क्यों खुद को…
कितने सौभाग्यशाली है हम जो हमें इतना भौगोलिक दृष्टि से संपन्न देश मिला है। पहाड़, नदियाँ, मैदान, खेत-खलिहान, पठार और रेगिस्तान भी। विविध संस्कृतियां, रंग-बिरंगे त्यौहार और इतनी सारी ऋतुएं,…
हर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा है - सविता पाटिलहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैमौन-सी लहरों में कुछ रहस्य जड़ा हैआसपास घूमते चेहरों…
बदलाव करो निरंतर करो - कविताबदलाव करो निरंतर करो - सविता पाटिलबदलाव करो, निरंतर करोपर उसमें कुछ बेहतर करोबदलाव हो जो जीवन सरल करेजड़ता को विरल करेबदलाव अज्ञानता से ज्ञान…
आज इस हूक को सहना होगा हाँ तुझे जीना होगा - कविताआज इस हूक को सहना होगा - सविता पाटिलइन लम्हों को बीतने देजो प्रलय उठा है जीवन में उसे…
कभी न करना अन्न दाता का अपमानकभी न करना अन्न दाता का अपमान - किसान पर कविता - सविता पाटिलअन्न के कण-कण में होते है भगवानकभी न करना अन्न दाता का…