विपत्ति में विरोध में अडिग रहो अटल रहो – Ramdhari Singh Dinkar

विपत्ति में विरोध में अडिग रहो अटल रहो - Ramdhari Singh Dinkar

विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
विषम समय के चक्र में भी साहसी प्रबल रहो।

तपा है जो जला है जो चमक उसी में आई है,
समस्त ताप-तम में भी बढ़े चलो सफल रहो।

बस एक लक्ष्य साध कर गगन की ओर उड़ चलो,
घटा घिरी अटूट हो मगर सदा सबल रहो।

कमी कहाँ पे रह गई विचार इसपे तुम करो,
ये स्वप्न भी न देखना कि तुम कभी विफल रहो।

बड़ा विचित्र शत्रु है मनुष्य का निराश मन,
उदासियों को त्याग कर सबल रहो, प्रबल रहो।

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